नई दिल्ली। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणापत्र आज शुक्रवार को जारी कर दिया। पार्टी ने इसे ‘न्यायपत्र’ नाम दिया है। खास बात यह भी है कि कांग्रेस के इस घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों के लिए कुछ बड़े ऐलान किए गए हैं, जैसे कि खान-पान और पहनावे की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी।
घोषणापत्र में कह गया, ‘कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि देश के हर एक नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों को भी पहनावे, भोजन, भाषा और पर्सनल लॉ को लेकर स्वतंत्रता हो। हालांकि, हम पर्सनल लॉ में सुधार को प्रोत्साहित करेंगे।’ कांग्रेस की ओर से यह भी कहा कि ये सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किए जाने चाहिए।
कांग्रेस ने वादा किया कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी। साथ ही आरक्षण की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 50 प्रतिशत से ज्यादा करेगी। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को वह सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी। घोषणापत्र में कांग्रेस कहा कि सरकार में आने के बाद वह नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श करेगी और इसमें संशोधन करें करेगी। उसने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराई जाएगी।
कांग्रेस के घोषणापत्र में ‘5 न्याय’ पर जोर
कांग्रेस ने वादा किया कि वह ऊपरी अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के साथ विचार विमर्श कर राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन करेगी। कांग्रेस का घोषणापत्र पार्टी के पांच न्याय- ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ पर आधारित है।
पार्टी ने ‘युवा न्याय’ के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपये देने का वादा शामिल है। पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने की ‘गारंटी’ दी है। उसने ‘किसान न्याय’ के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है।