लखनऊ। यूपी सरकार वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जों से मुक्त कराने व पारदर्शी तरीके से इनका आवंटन कराने के लिए नई नीति लाने जा रही है। इस नीति के आने के बाद वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर उससे मुनाफा कमाने वालों या फिर उसे नुकसान पहुंचाने वालों से जुर्माना भी वसूला जाएगा। यह जुर्माना वक्फ संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत वार्षिक के बराबर हो सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शु्क्रवार को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ प्रस्तावित वक्फ नियमावली 2024 का प्रस्तुतीकरण देखा और जरूरी निर्देश भी दिए। दरअसल, प्रदेश में बड़ी संख्या में शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास संपत्तियां हैं। इनमें जमीन से लेकर भवन तक शामिल हैं।
संपत्तियों पर रहती है माफिया की नजर
भू माफिया की नजर इन संपत्तियों पर ही रहती है। मुतवल्लियों से मिलीभगत कर इन संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो जाते हैं। इसके बाद इनका आवासीय व व्यावसायिक इस्तेमाल किया जाता है। अवैध कब्जों के मामले में संबंधित वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के समक्ष संपत्ति के पक्षकारों को पहुंच कर दावा प्रस्तुत करना होगा।
पारदर्शिता के लिए
मुख्य कार्यपालक अधिकारी पक्षकारों को सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्य देखेगा। अतिक्रमण की पुष्टि होने पर इसे हटाया जाएगा। बेदखली का आदेश न मानने पर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संबंधित मामले को कार्यपालक मजिस्ट्रेट को सौंप देंगे।
सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के आवंटन को और पारदर्शी बनाने की व्यवस्था करने जा रही है। नियमावली में मुतवल्लियों की नियुक्ति के बारे में भी नियम और स्पष्ट किए जा रहे हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अधिकारों को भी और स्पष्ट किया जा रहा है। शीघ्र ही यह नियमावली कैबिनेट के समक्ष आएगी।