महाराष्ट्र की एक अदालत ने नाबालिग से रेप के मामले में दोषी को सख्त सजा सुनाई है। ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक विशेष अदालत ने 11 साल की बच्ची से बलात्कार और यौन शोषण के मामले में 32 साल के एक व्यक्ति को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना 2013 की है, जब पीड़िता नाबालिग थी। विशेष जज दिनेश एस. देशमुख, जो प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (POCSO) एक्ट के मामलों की सुनवाई करते हैं, ने बुधवार को यह फैसला सुनाया। आरोपी, बबलू उर्फ मोहम्मद मुस्तफा इम्तियाज शेख, घटना के समय 20 साल का था। उसे POCSO एक्ट और भारतीय दंड संहिता (IPC) की बलात्कार से संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया।
6 जुलाई 2013 का है मामला
अदालत ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक संध्या म्हात्रे ने बताया कि पीड़िता और आरोपी मुंब्रा इलाके में एक ही मोहल्ले में रहते थे। 6 जुलाई 2013 की शाम को जब बच्ची स्कूल से घर लौट रही थी, शेख ने उसे रोका और धमकी दी कि अगर वह उसके साथ नहीं गई तो वह उसके परिवार को मारेगा। इसके बाद वह उसे अपने घर ले गया और उसका बलात्कार किया। बच्ची ने घर पहुंचकर अपनी मां को पूरी घटना बताई, जिसके बाद मुंब्रा पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। अभियोजक ने कहा, ‘हमने 6 गवाहों की गवाही ली, जिसमें पीड़िता और उसकी मां शामिल थीं, ताकि केस को साबित किया जा सके।
‘मेरे मुवक्किल को झूठ फंसाया गया’
आरोपी के वकील ने दलील दी कि बच्ची की मां ने अपने दामाद के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट चाहती थी, जो आरोपी को मिला था, इसलिए उसे झूठा फंसाया गया। लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया। जज देशमुख ने बच्ची के बयान को भरोसेमंद माना और कहा कि एक बच्चा झूठ नहीं बोलता। अदालत ने मेडिकल रिपोर्ट को भी स्वीकार किया और आरोपी को दोषी ठहराया। अदालत ने जुर्माने की राशि (10,000 रुपये) पीड़िता को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया। इसके अलावा, मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) को भेजा गया है, ताकि पीड़िता को अतिरिक्त मुआवजा दिया जा सके।