यूपी के मथुरा जिले में माया टीला ढहने से छह मकान गिर गए। मलबे में दबकर तीन लोगों की मौत हो गई। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें देर रात तक बचाव कार्य करतीं रहीं। टीला काटकर दीवार बनाए जाने के कारण दोपहर 12 बजे के करीब यह हादसा हुआ।
यूपी के मथुरा जिले में माया टीले के नीचे संचालित कार पार्किंग से बेटे के साथ कार निकालने गए लेखपाल संजय रोहिला ने सबसे पहले टीले को खिसकते देखा था। अपनी और बेटे की जिंदगी बचाने के लिए वे आगे-आगे दौड़ रहे थे और उनके पीछे मलबा मौत बनकर आ रहा था। आखिरकार संजय जीत गए और मौत हार गई। हालांकि मलबा पैर में लगने से उन्हें मामूली चोटें आईं।
पास के ही रहने वाले संजय रोहिला सदर तहसील में लेखपाल हैं। घर में कार खड़ी करने की जगह न होने के कारण व टीले के नीचे बनी पार्किंग में ही कार खड़ी करते हैं। रविवार को परिवार के साथ बाहर जाने के लिए संजय अपने बेटे के साथ बाइक से कार पार्किंग में खड़ी कार लेने गए थे।
उन्होंने बताया कि वह टीले के ठीक नीचे ही अपनी बाइक खड़ी कर रहे थे, तभी उन्हें कुछ आवाज सुनाई थी। उन्होंने टीले की तरफ देखा तो पूरा टीला खिसक रहा था और मकान भी धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ रहे थे।
इतना देखते ही उन्होंने मोटरसाइकिल वहीं छोड़कर बेटे के साथ चीखते हुए दूसरी तरफ दौड़ लगा दी। आगे-आगे वे दौड़ रहे थे और पीछे टीला और मकान ढहने से मलबा तेजी से आ रहा था।
इसी दौरान एक मलबे का एक टुकड़ा उनके पैर में लगा। इससे उनके पैर में मामूली चोट लग गई। धूल के गुबार ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया, लेकिन उनकी जिंदगी बच गई। जब धूल का गुबार थमा तो मंजर भयावह था।
‘दो लोगों को टीले के ऊपर बने मकानों से गिरते हुए देखा’
संजय ने बताया कि उन्होंने कुछ लोगों को टील के नीचे काम करते हुए और दो लोगों को टीले के ऊपर बने मकानों से गिरते हुए देखा था। उन्होंने कहा कि अगर वह चूक जाते तो उनकी और बेटे की जान भी जा सकती थी। घटना के बाद पूरे समय वह मौके पर ही रहे और मलबे में दबे लोगों के जीवन के लिए प्रार्थना करते रहे।