नई दिल्ली। लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष ने एतराज जाहिर किया है। ओवैसी से लेकर अखिलेश यादव तक ने विधेयक का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ निशाना साधा है।
सरकार को विधेयक लाने की क्या जरूरत पड़ी: ओवैसी
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड विधेयक पेश किया गया। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने आज विधेयक पेश किया। इस विधेयक पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर की है। असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है।
ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है,जो सभी नागरिकों को अपना आस्था के लिए समान अधिकार देता है। आखिर सरकार को ये विधेयक लाने की क्या जरूरत पड़ी।
‘वक्फ में क्यों शामिल हों गैर-मुस्लिम समुदाय के लोग’
औवैसी ने आगे कहा, मंदिरों की समितियों में कोई गैर-हिंदू नहीं है। फिर वक्फ संपत्ति में इसकी क्या जरूरत है। ऐसी ही आपकी सरकार ईसाइयों और सिखों के साथ कर रही है। आप हिंदू पूरी संपत्ति अपने बेटे-बेटी के नाम पर दे सकते हो लेकिन हम एक तिहाई ही दे सकते हैं। हिंदू संगठन और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में गैर धर्मों के सदस्य शामिल नहीं होते तो वक्फ में क्यों।
AIMIM नेता ने आगे कहा,”यह विधेयक हिंदू-मुसलमान में भेदभाव करता है। वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। यह सरकार दरगाह और अन्य संपत्तियां लेना चाहती है।
सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जकिया जफरी को मेंबर बनाएंगे। आप देश को बांटने का काम कर रहे हैं। आप मुसलमानों के दुश्मन हैं।