नई दिल्ली। आज शुक्रवार को लोकसभा ने वक्फ (संशोधन) विधेयक की जांच के लिए सदनों की संयुक्त समिति (JPC)में अपने 21 सदस्यों के नाम के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस समिति में राज्यसभा के 10 सदस्य भी होंगे। इस तरह समिति में कुल 31 सदस्य होंगे।
इस समिति को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। संसदीय मामलों के मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने प्रस्ताव रखा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जाए जिसमें लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे।
गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया गया और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाना और संविधान पर हमला बताया।
‘लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान का अपमान कर रहा विपक्ष’
राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘यह सदन सिर्फ एक इमारत नहीं है, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। मैं छह बार लोकसभा और छह बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं, लेकिन मैंने कभी भी विपक्ष का इस तरह की असंसदीय व्यवहार नहीं देखा।
यह न सिर्फ आसन का अपमान है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों, संविधान का भी अपमान है। आज ये बात साबित हो गई कि गैर जिम्मेदार रवैये से विपक्ष देश को अराजकता की तरफ धकेलना चाहता है। विपक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’