नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप पर पिछले साल गंभीर आरोप लगाने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब सेबी चीफ पर ही हमला बोला है। हिंडनबर्ग ने नई रिपोर्ट के जरिए सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति पर अदाणी की शेल कंपनियों में हिस्सा होने का दावा किया है।
SEBI प्रमुख पर Adani की कंपनियों में हिस्से का आरोप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाए हैं कि सेबी चीफ और उनके पति की अदाणी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी है। हालांकि, सेबी की अध्यक्ष और उनके पति ने आरोपों को खारिज करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया।
क्या बोलीं SEBI चीफ
सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए उनके चरित्र हनन की कोशिश की जा रही है।
संयुक्त बयान में उन्होंने कहा 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब है। सभी आवश्यक खुलासे पिछले कई वर्षों से सेबी को पहले ही किए जा चुके हैं। हमें किसी भी और सभी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
तो इसलिए रिपोर्ट लाई गई…
माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी द्वारा प्रवर्तन कार्रवाई और कारण बताओ नोटिस का जवाब उनके चरित्र हनन के प्रयास से दिया है। उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट सेबी की कार्रवाई के खिलाफ लाई गई है।
हिंडनबर्ग ने लगाए ये आरोप
इससे पहले शनिवार को अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि हमें यह एहसास नहीं था वर्तमान सेबी अध्यक्ष और उनके पति धवल बुच ने ठीक उसी बेनामी ऑफशोर बरमूडा और मॉरीशस फंड में हिस्सेदारी छिपाई थी, जो उसी शेल कंपनियों में पाई गई थी, जिसका उपयोग विनोद अदाणी द्वारा किया गया था।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि उसने एक व्हिसलब्लोअर द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों और अन्य संस्थाओं द्वारा की गई जांच के आधार पर नए आरोप लगाए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने पहली बार 5 जून 2015 को सिंगापुर में IPE प्लस फंड 1 के साथ अपना खाता खोला था। IIFL के एक अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित फंड की घोषणा में कहा गया है कि निवेश का स्रोत “वेतन” है और दंपति की कुल संपत्ति 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।
अदाणी पर पिछले साल आई थी रिपोर्ट
इससे पहले जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया, जिसके कारण कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई। उस समय समूह ने इन दावों को खारिज कर दिया था।