कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में CBI ने जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने नई एफआईआर दर्ज की है। इसके मद्देनजर सीबीआई की दिल्ली से एक टीम कोलकाता पहुंची।
CBI ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में बीएसएफ-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीते दिन मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।
इस बीच पुलिस कोलकाता के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में CBI कार्यालय पहुंची। पुलिस अधिकारी मामले से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेजों के साथ यहां पहुंचे हैं। आरोपी संजय रॉय को भी पुलिस यहां लेकर आई है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, चिकित्सा अधिकारियों और फोरेंसिक टीम की एक विशेष टीम वारदात की जगह पर भी पहुंची है।
इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने हत्याकांड की जांच मंगलवार को अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं।
कोर्ट ने राज्य पुलिस को मामले के दस्तावेज CBI को सौंपने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस को बुधवार सुबह 10 बजे तक केस डायरी CBI को सौंपने का निर्देश दिया था।
क्या है मामला?
कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल के सभागार में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर का शव बीते शुक्रवार सुबह बरामद किया गया था। इस सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
पीड़िता के माता-पिता ने मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीबीआई जांच की मांग को लेकर कई अन्य जनहित याचिकाएं भी दायर की गई थीं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या?
प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि मृतका का यौन उत्पीड़न किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पीड़िता की आंखों, मुंह और निजी अंगों से खून बह रहा था। उसके बाएं पैर, गर्दन, दाहिने हाथ, और होठों पर भी चोटें लगीं थीं।
आरोपी के बारे में जानिए
कोलकाता पुलिस ने मामले में 33 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह 2019 में एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुआ था। आरोपी एक प्रशिक्षित मुक्केबाज है और वह पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब आ गया था। इसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया।