पेरिस। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत दमदार प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भारत ने मेडल का खाता सिल्वर के साथ खोला। मेंस की F46 गोला फेंक स्पर्धा में में सचिन सरजेराव खिलारी ने 16.32 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया।
सचिन 0.06 मीटर से गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए। सचिन ने दूसरे प्रयास में ही 16.32 मीटर का थ्रो किया। गोला फेंक स्पर्धा में कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ गोल्ड जीता।
इस स्पर्धा में भारत के मोहम्मद यासेर आठवें और रोहित कुमार नौवें स्थान पर रहे। फाइनल में सचिन का पहला प्रयास 14.72 मीटर का रहा। दूसरे प्रयास में सचिन ने 16.32 मीटर गोला फेंका। तीसरे मेम 16.15, चौथे में 16.31 मीटर, पांचवें में 16.03 और आखिरी प्रयास 15.95 मीटर का रहा।
ऐसा रहा सफर
सचिन सरजेराव ने 16.32 मीटर के थ्रो के साथ रिकॉर्ड भी बनाया। यह भारत का पेरिस पैरालंपिक 2024 में 21वां पदक रहा। सचिन ने 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की शॉट पुट एफ46 स्पर्धा में गोल्ड जीता था।
उन्होंने 16.21 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पदक अपने नाम किया था। सचिन ने 2024 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भाग लिया, जिसमें उन्होंने इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।
बचपन में बाएं हाथ में हो गया था फ्रैक्चर
महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले सचिन स्कूली दिनों में एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे। 9 साल की उम्र में सचिन साइकिल से फिसलने के कारण उनका बायां हाथ टूट गया, जिससे उन्होंने कोहनी की मांसपेशियां गंवा दी। कई सर्जरी के बावजूद वह ठीक नहीं हो सके।
जब तक यह कुछ हदतक ठीक होता उन्हें गैंगरीन नामक बीमारी से जूझना पड़ा। इसके बावजूद सचिन ने हार नहीं मानी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते समय जैवलिन थ्रो में हाथ अजमाया। हालांकि, कंधे की चोट के चलते गोला फेंक में आना पड़ा।