अयोध्या। मकसूद की गिरफ्तारी से राम मंदिर के लिए रचे जा रहे एक बड़े षड़यंत्र का खुलासा हुआ। प्रारंभ में शरारत मान कर शुरू हुई जांच मकसूद के पकड़े जाने के बाद अतिसंवेदनशील हो गई है।
धमकी भरे संदेश में लिखा गया है कि ‘बहुत जल्द वे मंदिर को नष्ट कर देंगे और मस्जिद बनाएंगे…, मंदिर को 4000 किलो आरडीएक्स से नष्ट कर दिया जाएगा…।’
संदेश में ‘वे’ शब्द के उपयोग ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। आशंका है कि मकसूद के अतिरिक्त कुछ अन्य लोग भी इस साजिश में शामिल हैं। इसे दृष्टिगत रखते हुए आतंकवाद निरोधक दस्ते को भी जांच में लगाया गया है।
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि मकसूद राम मंदिर निर्माण से क्षुब्ध था। उनका उद्देश्य मंदिर ध्वस्त कर वहां पुन: बाबरी मस्जिद बनाना था। इसलिए आरडीएक्स से मंदिर को उड़ाने की धमकी दी गई।
उर्दू में लिखा था संदेश
यह धमकी उसने किसी बाहरी व्यक्ति नहीं बल्कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के हेल्पडेस्क मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप के माध्यम से दिया था। यह संदेश उर्दू में लिखा हुआ था, जिसका हिंदी अनुवाद किया गया तो सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए।
शरारत मान रही थी पुलिस
बीते 22 अगस्त को यह संदेश मिलने के बाद तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसका मुकदमा थाना रामजन्मभूमि में दर्ज कराया गया। पूर्व में धमकी से जुड़े मामलों में शरारत सामने आने के कारण इस मामले में भी प्रारंभिक जांच इसी पर केंद्रित रही कि यह किसी की शरारत होगी, लेकिन जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई पुलिस के कान खड़े होते गए।
धमकी देने वाले ने अपना नाम संदेश में नहीं लिखा था, इसलिए वॉट्सऐप मोबाइल नंबर के सहारे इसकी पड़ताल चली। धमकी देने वाले की लोकेशन बिहार के भागलपुर बरारी में मिलने के बाद गुपचुप ढंग से पुलिस बिहार के लिए रवाना हुई।
पुलिस ने मकसूद को किया गिरफ्तार
प्राथमिकी दर्ज होने के 23वें दिन पुलिस ने बरारी से मकसूद को गिरफ्तार किया। मकसूद का संपर्क किसी देश विरोधी संगठन से है अथवा नहीं इस पर भी जांच हो रही है। आरोपी के पास मिले चार मोबाइल फोनों में भी इस साजिश के कई रहस्य छुपे होने की आशंका पर सुरक्षा एजेंसियां कार्य कर रही हैं।
पुलिस, एटीएस के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी पूछताछ की है। एसएसपी राजकरन नय्यर ने बताया कि प्रकरण संदेशनशील है। इसलिए जांच से जुड़े तथ्यों को सार्वजनिक करना उचित नहीं है। पुलिस एवं एटीएस जांच कर रही है।