कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के साथ अब उसके परिवार पर भी कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। ग्रीन पार्क के सामने स्थित वक्फ बोर्ड की जमीन को कूटरचित दस्तावेजों की मदद से खरीदने-बेचने व कब्जाने के खेल में उसकी बेटी सौम्या और भाई सर्वेश भी फंसते नजर आ रहे हैं। इस जमीन सर्वेश दुबे का कब्जा है। ग्वालटोली थाने में इनके खिलाफ एफआईआर करवाने वाले परेड निवासी (मुतवल्ली) केयरटेकर मोइनुद्दीन आसिफ जाह शेख आसिफ जाह का कहना है कि आरोपियों ने जमीन को लेकर किसी भी तरह के विवाद को खत्म करने के लिए उन्हें व उनके भाई को ट्रक से कुचलवाने का प्रयास भी किया था।
मोइनुद्दीन का आरोप है कि वक्फ संपत्ति को बचाने के लिए पैरवी करने पर जाजमऊ थाने के दरोगा सभाजीत ने अखिलेश के साथियों के साथ मिलकर उन्हें धमकाया और कहा था कि झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। अप्रैल 2024 में अधिवक्ता का एक गुर्गा श्रीवास सिंह सभाजीत के साथ घर आया और डरा-धमकाकर एक कागज पर हस्ताक्षर करा लिए और आधार साथ ले गए। कहा कि लखनऊ में दर्ज रिपोर्ट की पैरवी बंद नहीं की तो जेल जाना पड़ेगा। इसके कुछ दिन बाद श्रीवास सिंह घर आया।