तेल अवीव। हिजबुल्लाह ने शुक्रवार को उत्तरी इजरायल पर एक बड़ा हमला किया। हिजबुल्लाह ने 140 से ज्यादा रॉकेट दागे। इसके बाद भड़की इजरायली इजरायली सेना ने पलटवार में हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर इब्राहिम अकील को ढेर कर दिया।
लेबनानी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक हमले में कम से कम 9 लोग मारे गए और लगभग 60 घायल हो गए। इब्राहिम अकील 1983 के बेरूत में हुए दो ट्रक बम विस्फोटों में 70 लाख डॉलर (58 करोड़ रुपए) का इनामी था। इस बम धमाके में तब अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी मरीन बैरक में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल्लाह की विशिष्ट राडवान इकाई की एक मीटिंग के दौरान बेरूत के दक्षिणी इलाके में हवाई हमला किया गया, जिसमें अकील मारा गया। अकील को तहसीन और अब्देल कादर के नाम से भी जाना जाता है।
वह हिजबुल्लाह की टॉप मिलिट्री बॉडी जिहाद काउंसिल का दूसरा सदस्य है जो पिछले दो महीने में मारा गया। जुलाई में फुआद शुकर को भी इजरायल ने इसी इलाके में निशाना बनाकर मार दिया था।
ईरान था कमांडर के पीछे
शुकर की तरह अकील हिजबुल्लाह का एक टॉप कमांडर था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इसे 1980 के दशक में लेबनान और इजरायली सेनाओं से लड़ने के लिए बनाया था। एक सुरक्षा सूत्र के मुताबिक 1960 के आसपास लेबनान की बेका घाटी में एक गांव में इसका जन्म हुआ था। हिजबुल्लाह में शामिल होने से पहले वह लेबनानी राजनीतिक मूवमेंट अमल में शामिल हुआ था।
अमेरिका ने घोषित किया था ईनाम
अमेरिका ने 1983 में अमेरिकी दूतावास पर बेरूत ट्रक बम विस्फोट में उसकी भूमिका का आरोप लगाया। इसमें 63 लोग मारे गए थे। छह महीने बाद अमेरिकी मरीन बैरक में 241 लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका ने उस पर लेबनान में अमेरिकी और जर्मन बंधकों के अपहरण का निर्देश देने का आरोप लगाया। वैश्विक आतंकी के रूप में उसे 2019 में लिस्ट किया गया। उसके सिर पर 70 लाख डॉलर का इनाम घोषित किया गया।
1980 के दशक में अमेरिकी मरीन बैरक पर बमबारी के मामले में 2022 में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कहा था कि उस हमले में हिजबुल्लाह का हाथ नहीं था। इब्राहिम अकील ने हिजबुल्लाह को एक छोटे समूह से लेबनान का सबसे शक्तिशाली राजनीतिक संगठन बनाने में मदद की।