गाजियाबाद। गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर में पंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों पर लाठी चार्ज करने के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है।
उन्होंने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है, साथ ही लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर से मुलाकात कर पूरे प्रकरण की जानकारी ली और आश्वासन दिया है कि इस पूरे प्रकरण में न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी।
लोनी विधायक ने सीएम योगी से की मुलाकात
विधायक नंद किशोर गुर्जर के पास सोमवार सुबह नौ बजे मुख्यमंत्री के कार्यालय से फोन आया और उनको लखनऊ में मुख्यमंत्री से मिलने के लिए बुलाया गया। वह सड़क मार्ग से लखनऊ पहुंचे और मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
डासना देवी मंदिर में रविवार को बुलाई थी महापंचायत
उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि डासना स्थित देवी मंदिर पर चार अक्टूबर को की गई हमले की कोशिश से सनातनियों में रोष है। इसी वजह से हिंदू समुदाय की 36 बिरादरियों द्वारा डासना देवी मंदिर में रविवार को महापंचायत बुलाई थी।
पुलिस ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए लोगों को मंदिर जाने से रोका और उन पर लाठी चार्ज किया है, जो कि गलत है। विधायक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उन्होंने तलब की है। महंत यति नरसिंहानंद द्वारा जो टिप्पणी की गई है, वह गलत है। इस तरह की टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
सीएम योगी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
विधायक ने मुख्यमंत्री को बताया कि महंत द्वारा की गई टिप्पणी पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली, इसके बावजूद दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा एकजुट होकर मंदिर के पर हमले की कोशिश की गई। इससे लोगों में रोष है।
मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की न्यायोचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा है, उन्होंने यह भी कहा कि जिले में उपचुनाव होना है।
ऐसे में माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी शरारती तत्वों द्वारा की जा सकती है, इसको लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी जिले में शांति बनाए रखने में एक दूसरे का सहयोग करे।
लाठी चार्ज से हिंदू संगठन के लोगों में पुलिस के खिलाफ रोष
डासना स्थित देवी मंदिर में महापंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों पर लाठी चार्ज किए जाने से हिंदू संगठन के नेताओं में रोष है। लोगों का कहना है कि डासना देवी मंदिर में हमला करने के लिए भीड़ को उकसाने वाले तीन नेताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है।
पंचायत में शामिल होने के लिए जा रहे लोगों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर मंदिर में विचार विमर्श करना चाहते थे। किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन करने की मंशा नहीं थी, इसके बावजूद पुलिस ने लोगों को पंचायत में जाने से रोका और हिरासत में ले लिया।
इतना ही नहीं पंचायत में जा रहे लोगों पर लाठी चार्ज तक कर दिया, जो गिर गए उन पर भी लाठियां बरसाई गईं, यह गलत है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष महेश आहूजा ने कहा कि जिस तरह से लाठी चार्ज किया गया है, यह गलत है। जिस अधिकारी ने लाठी चार्ज करने का आदेश दिया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
हिंदू रक्षा दल के क्षेत्रीय अध्यक्ष सौरभ पंडित ने कहा मैं डासना स्थित सद्भावना नगर में रहता हूं। रविवार को पंचायत में मैं भी शामिल होने जा रहा था। पंचायत में शामिल होने आए लोग किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं करने वाले थे।
हमारी मांग मंदिर पर हमला करने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई को लेकर थी, मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने को लेकर थी लेकिन पुलिस ने जिस तरह से पंचायत में जा रहे लोगों को हिरासत में लिया, उन पर लाठी चार्ज किया। यह गलत है।