नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की बैठक में कॉन्ग्रेस मुखिया मल्लिकार्जुन खरगे पर जमीन कब्जाने आरोप लगा है। खरगे पर आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक वक्फ बोर्ड की जमीन कब्जा की। यह आरोप लगने के बाद विपक्ष के सांसदों ने JPC बैठक का बहिष्कार कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में JPC की बैठक में कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन अनवर मनिप्पदी ने खरगे पर यह आरोप लगाए।
अनवर ने JPC के सामने बताया कि खरगे ने कर्नाटक में वक्फ की जमीन पर कब्जा किया है। मनिप्पदी ने JPC के सामने काफी जानकारी रखी। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक में हुई वक्फ जमीनों की लूट की बातें JPC को बताई।
विपक्षी सांसदों ने किया JPC का बहिष्कार
इसके बाद JPC में शामिल विपक्ष के सांसद भड़क गए। उन्होंने कहा कि खरगे चूंकि इस JPC का हिस्सा नहीं है, ऐसे में उनके खिलाफ यहाँ कोई बात ना की जाए। विपक्ष के सांसदों ने खरगे का नाम वक्फ की जमीन हथियाने में आने पर JPC का बहिष्कार कर दिया।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, AAP सांसद संजय सिंह, समाजवादी पार्टी सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह समेत अन्य विपक्षी सांसद JPC बैठक छोड़ कर बाहर चले आए।
विपक्ष के सांसदों ने आरोप लगाया कि वक्फ बिल के मामले में JPC मुस्लिमों के अलावा बाकी लोगों को बुला रही है, जो ठीक नहीं है। विपक्ष के सांसदों ने कहा है कि मुस्लिमों के मसले में दूसरों को बुलाना ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि JPC के मुखिया जगदम्बिका पाल भी इस संबंध में कार्रवाई नहीं कर रहे।
विपक्ष के सांसदों ने जहाँ खरगे पर आरोपों को लेकर JPC बैठक का बहिष्कार कर दिया लेकिन इसको लेकर कॉन्ग्रेस या खरगे ने अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। कॉन्ग्रेस मुखिया खरगे ने जमीन कब्जे के आरोपों को अभी तक नहीं नकारा है।
JPC की बैठक में पहले भी हो चुका है विवाद
इससे पहले भी JPC की बैठक में विवाद हो चुका है। मुंबई में सितम्बर माह में हुई बैठक में एक मुस्लिम संगठन के मुखिया इरफ़ान अली ने आरोप लगाया था कि जब उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया तो AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने उनके साथ धक्कामुक्की की। इसको लेकर मामला भी दर्ज हुआ था।
खरगे परिवार पर पहले भी लगा है आरोप
खरगे और उनके परिवार पर वक्फ के अलावा और भी जमीनों को गलत ढंग से लेने का आरोप लगा है। हाल ही में मल्लिकार्जुन खरगे के परिवार वाले सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट ने एक जमीन को वापस सरकार को लौटने का फैसला लिया है। यह जमीन ट्रस्ट को KIADB ने दी थी।
यह जमीन बेंगलुरु के काफी महंगे इलाके में है। यह जमीन सार्वजनिक सुविधाएँ बनाने के लिए दी गई थी। खरगे के बेटे राहुल खरगे ने हाल ही में एक पत्र लिख कर यह जमीन लौटा दी है।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह जमीन अवैध रूप से खरगे परिवार ने कब्जाई थी और मामले का खुलासा होने के बाद वह इसे लौटाने पर मजबूर हो गए हैं। खरगे परिवार पिछले 50 वर्षों से कर्नाटक को लूट रहा और इस खुलासे के बाद कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियंक खरगे को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। इस मामले को लेकर कॉन्ग्रेस और खरगे परिवार बैकफुट पर है।