वाशिंगटन। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर कई आरोप लगाए हैं, जिसके बाद से दोनों देशों में संबंध बिगड़ गए हैं। अब इस मामले में अमेरिका भी कूद पड़ा है और उसने ट्रूडो सरकार के इन आरोपों को ‘बेहद गंभीर’ करार देते हुए भारत से खास आग्रह किया है।
भारत से सहयोग करने का आग्रह
अमेरिका ने इस मामले में कनाडा की जांच में भारत को सहयोग करने का आग्रह किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा हमने स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा के आरोप अत्यंत गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए तथा हम चाहते हैं कि भारत सरकार कनाडा तथा उसकी जांच में सहयोग करे। लेकिन, भारत ने एक वैकल्पिक रास्ता चुना है।
दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर
अमेरिकी प्रवक्ता ने दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों ने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, उसके अलावा मेरे पास कोई और टिप्पणी नहीं है। हमने उनसे सहयोग करने का आग्रह किया है और ऐसा करने के लिए उनसे आग्रह करते रहेंगे।
भारत-अमेरिका के रिश्ते हमेशा मजबूतः मिलर
आरोपों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने कहा कि मैं मामले की प्रासंगिक स्थिति के बारे में बात करने के लिए उन दोनों देशों पर निर्भर रहूंगा। हालांकि, मिलर ने आश्वस्त किया कि अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका का अविश्वसनीय रूप से मजबूत साझेदार बना हुआ है। हमने उनके साथ कई मामलों पर काम किया है, जिसमें एक स्वतंत्र, खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए हमारा साझा दृष्टिकोण भी शामिल है।
जब भी हमें कोई चिंता होती है, तो हमारे बीच ऐसे संबंध होते हैं, जहां हम उन चिंताओं को उनके पास ले जा सकते हैं और उन चिंताओं के बारे में बहुत स्पष्ट बातचीत कर सकते हैं।
भारत ने लिया एक्शन
बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंट शामिल थे, जिसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में दरार आ गई है। भारत ने कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है।
इसके भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने के अपने फैसले की घोषणा की। वहीं भारत ने अपने राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को कनाडा से वापस भी बुला लिया।