अयोध्या। उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव अटक गया है। याचिका लगाने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ खुद चाहते हैं कि चुनाव हो। वो हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने गए थे।
बाबा गोरखनाथ ने बताया कि जैसे हमारे केस का नंबर आया अधिवक्ता बहस के लिए गए तभी सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने एक दर्जन वकील भेज दिए। उनके वकील कहने लगे आप ऐसे याचिका वापस नहीं ले सकते, इसके बाद उन्होंने बहुत बखेड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि जो सपा दो दिन पहले कह रही थी भाजपा डर गई है, वही सपा आज बवाल कर रही है।
‘अवधेश प्रसाद ने भेज दिए एक दर्जन वकील’
बाबा गोरखनाथ ने कहा कि जब आज हम अपना मुकदमा वापस लेने गए तो जवाब में एक दर्जन वकील भेज दिए। इससे दिखता है कि समाजवादी पार्टी चुनाव को लेट कराना चाहती है और वह काफी डर गई है। नहीं तो हमारे उच्च पदाधिकारियों ने उसी डेट पर चुनाव कराने की बात कह दी थी। जो बात बड़ी-बड़ी करते थे, अब वहीं चुनाव टलवाने की बात कर रहे हैं।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की जरूरत
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ को हराया था। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज की, जिसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इससे मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी।
नोटरी पर फंस गया पेच
इस उपचुनाव की तारीख का ऐलान अब तक नहीं हुआ है। इसकी प्रमुख वजह भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ द्वारा 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद हाई कोर्ट में दायर याचिका है।
उन्होंने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद द्वारा नामांकन में जमा की गई नोटरी को अवैध करार देते हुए कोर्ट से स्थगन आदेश (स्टे) की मांग की थी। कोर्ट ने स्टे तो नहीं दिया, लेकिन मामले को सुनवाई योग्य माना। इस वजह से उपचुनाव की 10 में से 9 सीटों के लिए तारीखों का ऐलान हुआ, पर मिल्कीपुर विधानसभा के लिए नहीं।