मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। एक तरफ जहां भाजपा ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के साथ राज्यभर में महाविकास अघाड़ी (MVA) पर निशाना साध रही है। वहीं, MVA का दावा है कि लोकसभा चुनाव 2024 की तरह ही राज्य की जनता एक बार फिर उन पर भरोसा जताएगी।
बता दें 20 जनवरी को चुनाव होना है। राज्य की दो बड़ी पार्टियों में टूट हो चुकी है। NCP और शिवसेना के दो गुट हैं। NCP (शरद पवार) और शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे का आरोप है कि भाजपा की वजह पार्टी टूटी है।
शरद पवार की वजह से टूटी पार्टियां
शरद पवार और उद्धव ठाकरे के इस आरोप के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि प्यार और जंग में सब जायज है। शरद पवार की अगुआई वाली NCP ने सभी पार्टियों को तोड़ा है।
गडकरी ने आगे कहा कि उन्होंने (शरद पवार) शिवसेना को तोड़ दिया और छगन भुजबल और अन्य को नेताओं को पार्टी से बाहर निकाल दिया, लेकिन राजनीति में यह काफी आम बात है। यह सही है या गलत… एक कहावत है, प्यार और राजनीति में सब कुछ जायज है
पिछले साल दो हिस्सों में बंटी थी NCP
पिछले साल जुलाई में अजित पवार 40 विधायकों के साथ बागी हो गए थे। 54 विधायकों वाली एनसीपी पार्टी एक झटके में दो हिस्सों में बंट गई। वहीं, NCP अजित गुट भी भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) के साथ सरकार में शामिल हो गई। अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया।
2022 में टूटी थी शिवसेना
वहीं, साल 2022 में शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे बागी हो गए थे। उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी माने जाने वाले एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी।