नई दिल्ली। महाराष्ट्र चुनाव में अब वोट के बदले नोट का खुला खेल सामने आया है। इस बाबत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र और गुजरात में कई ठिकानों पर छापेमारी की। ED का दावा है कि मालेगांव के व्यापारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के तहत ये कार्रवाई हुई, जिसने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेन-देन करने के लिए कई लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग किया।
महाराष्ट्र और गुजरात में छापेमारी
मनी लॉन्ड्रिंग केस में महाराष्ट्र के मालेगांव, नासिक और मुंबई में और गुजरात के अहमदाबाद-सूरत में कुल 23 ठिकानों की तलाशी ली गई। छापेमारी महाराष्ट्र, गुजरात, उप्र, मप्र, हरियाणा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 2,500 से ज्यादा लेन-देन और करीब 170 बैंक शाखाएं जांच के दायरे में हैं। ईडी को संदेह है कि इन खातों से या तो पैसा जमा किया गया या निकाला गया है।
चुनावी फंडिंग और वोट जिहाद से जुड़ा मामला
मामला मालेगांव में व्यापारी सिराज अहमद हारुन मेमन के खिलाफ पुलिस में दर्ज की गई FIR से जुड़ा है। शिकायतकर्ता वह व्यक्ति है जिसके बैंक खाते से अवैध लेनदेन किया गया था।
आरोप है कि बैंक अकाउंट का इस्तेमाल चुनावी फंडिंग और वोट जिहाद के लिए किया गया था। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होना है। इससे पहले ED की जांच को बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
कई लोगों को फंसाया
मुख्य आरोपी ने नासिक मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक में बैंक खाते खोलने के लिए करीब एक दर्जन लोगों के KYC पेपर (पैन, आधार) लिए थे। उसने इन लोगों से कहा था कि वह मकई का व्यवसाय शुरू करना चाहता है और इसलिए उसे किसानों से पैसे लेने की जरूरत है।
आरोपी ने अपने दोस्तों से KYC पेपर लेकर दो और खाते खुलवाए। ये 14 बैंक अकाउंट, सितंबर और अक्टूबर के बीच खोले गए थे। उप्र, मप्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल की 200 से ज्यादा बैंक ब्रांच से पैसा 400 से ज्यादा ट्रांजेक्शन के जरिए निकाला या, जबकि 17 खातों के जरिए ट्रांसफर हुआ।
ED को इस बात का संदेह
इस दौरान ED को जांच में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा डेबिट-क्रेडिट एंट्रीज मिली हैं। अब वह कुछ हवाला संचालकों की भूमिका समेत और सबूत जुटाने के लिए तलाशी ले रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के दो खातों के बीच 50 करोड़ से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें सिराज अहमद और नईम खान का नाम सामने आया है।
ED की जांच में पाया गया है कि कथित रूप से फर्जी दस्तावेजों और नकली KYC के जरिए कई बैंक खाते खोले गए। यह आरोप लगाया जा रहा है कि इन खातों का उपयोग वोट जिहाद के उद्देश्य से किया गया जिससे चुनावों में धोखाधड़ी की कोशिश की जा रही थी। बैंकिंग प्रणाली का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।