वाराणसी। महाकुंभ 2025 में मेला क्षेत्र से ट्राई एंगल ट्रेन चलाई जाएगी। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा मेमू व अनारक्षित श्रेणी की ट्रेनों को चलाने की योजना है। इनका सीधा जुड़ाव अयोध्या और वाराणसी से होगा।
पुनर्स्थापित श्रीराम मंदिर एवं विश्वनाथ धाम के कारण काशी-अयोध्या में पलट प्रवाह से सर्वाधिक दबाव रहेगा। कैंट स्टेशन पर शुक्रवार को पत्रकारों से मुखातिब रेलवे बोर्ड सदस्य (परिचालन एवं व्यवसाय विकास) रविंदर गोयल ने कहा कि रेलवे इसी दिशा में तैयारी कर रहा है।
निदेशक कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि महाकुंभ में 7.5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। प्रयागराज मेला क्षेत्र में रेलवे स्टेशन विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज संगम और झूंसी से वाराणसी के लिए सीधी सेवा मिलेगी। स्टेशन परिसर में होल्डिंग एरिया बनाई जा रही है जहां यात्री विश्राम समेत हर बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी।
बनारस से प्रयागराज तक मिलेगी ट्रेनों को रफ्तार
बनारस स्टेशन से झूंसी तक दोहरीकरण और विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है। महज पांच किमी के दायरे में पेैचिंग का कार्य शेष है जिसे 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। महाकुंभ में इसका बड़ा लाभ मिलेगा। इस रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का भी विकल्प होगा।
रेलवे बोर्ड स्तर पर स्टेशनों की निगरानी
रेलवे स्टेशन पर भीड़ की निगरानी बोर्ड स्तर पर हो रही है। इससे त्योहारी सीजन अथवा माघ मेला जैसे अवसरों पर भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा। रेल ट्रांसपोर्टेशन को गति देने की दिशा में काम चल रहा है।
इसके लिए एक निजी कपंनी से करार हो चुका है। एनएसजी-1 का दर्जा मिलने से कैंट स्टेशन पर सुविधाओं में वृद्धि आएगी। ट्रेन के प्रत्येक लोको में शौचालय की व्यवस्था की जाएगी।
महिला स्टेशन मास्टर को किया सम्मानित
रेलवे बोर्ड के सदस्य ने कैंट व काशी स्टेशन का निरीक्षण किया। इसमें विकास कार्यों की गुणवत्ता परखी। कैंट स्टेशन स्टेशन पर उन्होंने पावर केबिन, वाशिंग लाइन, रेलवे ट्रैक, प्लेटफार्म, स्टेशन परिसर, यार्ड री माडलिंग कार्य व संरक्षा प्रणाली का जायजा लिया। निर्माणाधीन कार्यों की स्थिति को आंका।
इस दौरान महिला स्टेशन मास्टर चंद्रमणि कुमारी की कार्यपद्धति की सराहना करते हुए उन्हें नकद पुरस्कार प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। डीआरएम एसएम शर्मा, अपर मंडल रेल प्रबंधक वाराणसी लालजी चौधरी व निदेशक अर्पित गुप्ता सहित अधिकारी थे।