नई दिल्ली। देश में संविधान को अपनाए जाने के 75वें वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में आज शुक्रवार को लोकसभा में दो दिवसीय बहस शुरू हो गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहस की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल शनिवार को बहस का जवाब देंगे।
राजनाथ सिंह ने की बहस की शुरुआत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि हम भारत के लोगों ने 26 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था।
मैं इस सदन और देश के सभी नागरिकों को संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हार्दिक बधाई देता हूं। मैं कह सकता हूं कि हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूकर राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान सभा द्वारा तैयार संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। हमारा संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूते हुए विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।
संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को जानबूझकर नकारा गया। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश की गई है।
विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी ने की शुरुआत
विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने शुरुआत की। प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान ने हर देशवासी को यह अधिकार दिया कि वह सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। संविधान ने ही उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और देश की अनेक महिलाओं को लड़ने की क्षमता और साहस प्रदान किया।
इस सरकार ने पिछले दस सालों में संविधान में कमजोरों को दिया सुरक्षा कवच तोड़ने का प्रयास किया, यह सरकार ‘लेटरल एंट्री’ और आरक्षण को खत्म करने के जरिए यह काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी। अरे देश को बताइये…आप क्या कर रहे हैं, आपकी जिम्मेदारी क्या है? कि सारी जिम्मेदारी नेहरू जी की है? सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू क्यों नहीं करती, क्या देश की महिलाएं दस साल इसके लागू होने का इंतजार करेंगी।