आगरा में एक महिला को ऑनलाइन लोकेशन रेटिंग और इकोनॉमी टास्क में कमाई का झांसा देकर 22़.95 लाख रुपये का निवेश कराकर ठगी कर ली। दूसरे मामले में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से लाभ दिलाने का लालच देकर 5.79 लाख की ठगी की गई।
पहला मामला शाहगंज निवासी महिला यशिका गुप्ता का है। उन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से साइबर ठगों ने ऑनलाइन लोकेशन रेटिंग और इकोनॉमी टास्क से रुपये कमाने का झांसा दिया। उनसे 22.95 लाख रुपये हड़प लिए। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उन्हें 7 अक्तूबर को व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया था। इसमें ऑनलाइन लोकेशन रेटिंग जैसे आसान कार्य करके पैसे कमाने का प्रस्ताव दिया गया। पीड़िता लालच में आ गई।
उसका आरोपियों ने विश्वास जीतने के लिए शुरुआत में कुछ रुपयों का निवेश कराकर छोटे-छोटे कार्यों पर 50 रुपये का भुगतान किया। तीन दिनों में 8 से 10 अक्तूबर के बीच पीड़िता ने विभिन्न यूपीआई आईडी, बैंक खातों और दोस्तों के खातों से कुल 22.95 लाख ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पीड़िता ने रुपये मांगना शुरू किया। ठगों ने खाता फ्रीज होने का बहाना बनाकर और धन की मांग की। पीड़िता को ठगों के बहाने पर शक होने लगा। उसने साइबर थाने में केस दर्ज कराया।
दूसरा मामला बमरौली रोड केसीआर टाउन मलपुरा निवासी मायाराम त्यागी का है। उन्हें साइबर ठगों ने मुनाफे का लालच देकर क्रिप्टोकरेंसी में उनसे 5.79 लाख रुपये निवेश कराकर ठगी कर ली। पीड़ित मायाराम त्यागी ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया। पुलिस को बताया कि 14 सितंबर को ब्रिटेन के नंबर से सृति देसाई ने मुनाफे का लालच दिया। उनसे पहले 9 हजार का निवेश कराया।
उसे 17 हजार का लाभ देकर कमीशन काट लिया। इसके बाद 5.79 लाख की रकम कई खातों में ट्रांसफर कराई। ठग गिरोह में सृति देसाई, डेनियल, मिया इशोबिला और पल शामिल बताए गए हैं, जो सभी लंदन में रहकर भारतीयों को निशाना बना रहे हैं। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों प्रकरण में पुलिस जांच कर रही है। उनके साक्ष्यों के आधार पर उन खातों का पता लगाया जा रहा है, जिनमें रकम ट्रांसफर की गई।

