मेलबर्न। गाबा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा के साथ गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में आए 38 वर्षीय रविचंद्रन अश्विन ने अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया।
कुछ दिग्गजों ने अश्विन के संन्यास लेने के समय पर सवाल उठाए थे, लेकिन केवल अश्विन ही नहीं बल्कि कई और सीनियर खिलाड़ी हैं, जो बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के अंतिम टेस्ट के बाद अपने भविष्य पर निर्णय लेंगे।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद अगर भारतीय टीम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचती है तो उसको अगले साल जून-जुलाई में टेस्ट मैच खेलने होंगे। इंग्लैंड दौरे पर टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी।
भारतीय टीम अभी परिवर्तन के दौर में है, जहां कई युवा खिलाड़ियों को आजमाया जा रहा है। कुछ इसी तरह का परिवर्तन दौर 2012-13 में भी हुआ था, जब भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों ने एक-एक करके संन्यास ले लिया था।
ये खिलाड़ी लेंगे भविष्य का फैसला
उस दौरान विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी टीम का हिस्सा बने थे। अश्विन के मामले में माना जा रहा है कि वाशिंगटन सुंदर को ज्यादा अवसर मिलता देख, यह ऑफ स्पिनर समझ गया था कि अब उसे इंग्लैंड दौरे पर चुने जाने की संभावना बेहद कम है। इसलिए उन्होंने बीच सीरीज में एकाएक संन्यास लेने की घोषणा कर दी।
कुछ और खिलाड़ी हैं, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद संन्यास पर फैसला ले सकते हैं। इनमें 37 वर्षीय कप्तान रोहित शर्मा, 36 साल के विराट कोहली और रवींद्र जडेजा का नाम शामिल है।
ये तीनों खिलाड़ी इस साल विश्व कप जीतने के बाद टी20 से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। टेस्ट में रोहित शर्मा खराब दौर से गुजर रहे हैं। वह लगातार बड़ी पारी खेलने में विफल हो रहे हैं।
खराब दौर में रोहित-विराट
इस साल बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से अब तक पहली पारी में विराट का औसत 10 से भी कम है। रोहित का पहली पारी का औसत 6.8 है।
कोहली ने भले ही पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में शतक लगाया हो, लेकिन उसके बाद वह लगातार फ्लाप रहे हैं। वह बार-बार एक ही तरह से आउट हो रहे हैं और कई दिग्गज उन पर सवाल उठा चुके हैं।
रोहित का हैंड-आई कोआर्डिनेशन नहीं दिख रहा है। 36 साल के अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भी उन खिलाड़ियों की सूची में शामिल हैं, जिनको ये तय करना होगा कि उन्हें रुकना है या जाना है।
हालांकि, ब्रिस्बेन टेस्ट में जड्डू ने 77 रन की अहम पारी खेली है, लेकिन ये तीनों खिलाड़ी अब आने वाली पीढ़ी को मौका देने के लिए यह कदम उठा सकते हैं।