नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाईवे के यात्रियों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज 20 दिसंबर को टोल लगाने की नोएडा टोल ब्रिज कंपनी (NTBCL) की याचिका को खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2016 के फैसले के खिलाफ कंपनी की अपील को खारिज कर दिया है।
अब नहीं देना पड़ेगा टोल
रिपोर्ट के अनुसार उच्च न्यायालय के निर्णय से सहमति जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि नोएडा ने कंपनी को टोल लगाने की अपनी शक्ति सौंपकर अपने अधिकार का उल्लंघन किया। पीठ ने कहा, “आम जनता को करोड़ों रुपये देने के लिए मजबूर किया गया है और धोखाधड़ी की गई है।
SC ने माना कि जनहित याचिका सुनवाई योग्य थी, क्योंकि इसमें जनता का पैसा शामिल था, हालांकि यह एक व्यवसाय अनुबंध के संबंध में था। न्यायालय ने कहा, “जब राज्य सार्वजनिक कार्य में मिला होता है तो उसे मनमानी से मुक्त होना चाहिए।”
HC ने लगाई थी टोल वसूलने पर रोक
पीठ ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने NTBCL को टोल वसूलने की शक्तियां सौंपकर अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल किया है। इससे आम जनता को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2016 में फैसला सुनाया था कि 9.2 किलोमीटर लंबे, आठ लेन वाले DND फ्लाईवे का उपयोग करने वालों से अब से कोई टोल नहीं लिया जाएगा। यह आदेश फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की जनहित याचिका पर दिया था।
2012 में दायर जनहित याचिका में नोएडा टोल ब्रिज कंपनी द्वारा टोल वसूलने को चुनौती दी गई थी। 100 पन्नों के फैसले में HC ने कहा था, ‘जो शुल्क लगाया जा रहा है, वह यूपी औद्योगिक विकास अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है’।