चमोली। उत्तराखंड की नीती घाटी के मलारी फरकिया गांव के बीच चार पर्यटक बर्फ में फंस गए थे। जिनका सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। चारों पर्यटक ऋषिकेश के हैं और 27 दिसंबर से फंसे थे। चारों को ITBP कैंप ले जाया गया है। सभी सुरक्षित हैं। बता दें कि मलारी हाइवे बर्फबारी से बंद है।
नौ लोगों ने गुफा में रहकर बचाई जान
चीन सीमा पर रिमखिम के पास भारतीय दूर संचार निगम के टावर निर्माण का कार्य कर रहे नौ लोगों के लापता होने पर मंगलवार को दिनभर हेली काप्टर रेस्क्यू हुआ। हालांकि रेस्क्यू के बाद पता चला कि लापता सभी लोग सुरक्षित हैं।
बता दें कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) सीमा क्षेत्र में मोबाइल टावरों को लगाने का कार्य कर रही है। पेज डिजिटेक कंपनी के नौ व्यक्ति मलारी के रिमखिम क्षेत्र में टावर का कार्य करने गए थे। जिसमें राजेंद्र सिंह, गोविंद सिंह, राकेश सिंह, मनबहादुर, तेज बहादुर, योगा, रामबहादुर, तेग बहादुर, सेर बहादुर आदि शामिल थे।
दुर्घटना की जताई गई आशंका
बताया गया कि 27 दिसंबर से इन लोगों का संपर्क ITBP सहित किसी से भी नहीं हो रहा था। 30 दिसंबर को इसकी सूचना प्रशासन को देते हुए दुर्घटना की आशंका जताई गई । जिस क्षेत्र में कार्य हो रहा था उस क्षेत्र में भारी बर्फबारी हुई थी।
प्रशासन द्वारा मंगलवार को आपदा प्रबंधन की टीम को भेजने की कोशिश की गई, लेकिन जोशीमठ मलारी हाइवे भापकुंड के आगे टीम नहीं जा पाई ऐसे में आपदा प्रबंधन के लिए हेली काप्टर की मांग की गई।
बर्फबारी के दौरान एक गुफा में मौजूद थे सभी लोग
पता चला है कि हेलीकॉप्टर में SDRF भी मौजूद थी। हवाई सर्वेक्षण के बाद पता चला कि कार्य स्थल के पास एक कैंप है जो बीआरओ का हो सकता है। प्रशासन ने सेना ITBP व BRO के अधिकारियों से संपर्क कर दोपहर बाद जमीन रेस्क्यू करवाया।
पता चला कि ये सभी लोग सुरक्षित थे तथा बर्फबारी के दौरान एक गुफा में मौजूद थे। इनकी कच्ची झोपड़ियां बर्फ से टूट गई थी। जिला आपदा प्रबधंन अधिकारी नंद किशोरी जोशी ने कहा कि टावर कंपनी का कार्य कर रही प्रतिनिधि रोहित से वार्ता कर सभी के सुरक्षित होने की जानकारी दी गई है।