गुवाहाटी। असम के पास दीमा हसाओ जिले में सोमवार को कोयला खदान में पानी भरने के बाद नौ श्रमिक फंस गए थे। बुधवार सुबह सेना और NDRF की टीमों ने बचाव अभियान के दौरान खदान से एक शव बरामद किया। खदान में अभी भी आठ श्रमिक फंसे हुए हैं। इसके बाद सेना, असम राइफल्स, NDRF, SDRF की टीमों ने बचाव अभियान तेज कर दिया है।
दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो के तीन किलो क्षेत्र में कोयला खदान में सोमवार को 300 फीट गहरे खदान में अचानक पानी भर गया था। इस खदान में नौ श्रमिक फंस गए थे। इसके बाद भारतीय सेना और स्थानीय अधिकारियों की संयुक्त टीम ने त्वरित और प्रभावी तरीके से बचाव अभियान की शुरुआत की।
मंगलवार शाम को बचाव अभियान को रोक दिया गया था। बुधवार सुबह इसे फिर से शुरू किया गया। इसके बाद बचाव टीमों ने खदान से एक शव बरामद किया। सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि 21 पैरा गोताखोरों ने खदान से एक शव बरामद किया है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं।
वहीं NDRF के कमांडेंट एन तिवारी ने बताया कि श्रमिकों को निकालने के लिए 24 घंटे काम चल रहा है। जल्द ही हम श्रमिकों तक पहुंच जाएंगे। अभी सेना की टीम यहां काम कर रही है। जल्द ही नौसैनिक भी यहां पहुंच जाएंगे।
वहीं खदान में काम करने वाले एक श्रमिक ने बताया कि मेरा भाई खदान में फंसा है। खदान में अचानक लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि पानी भर रहा है। 30-35 लोग बाहर आ गए और 15-16 लोग फंस गए।
एक युवक गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज
मामले में असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि पुलिस ने घटना की जांच के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) के साथ धारा 3(5)/105 BNS के तहत FIR दर्ज की है। यह एक अवैध खदान लगती है। मामले के संबंध में पुनीश नुनिसा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
मैंने माननीय केंद्रीय कोयला मंत्री किशन रेड्डर से भी बात की। उनसे उमरंगसू में बचाव अभियान के लिए सहायता मांगी है। उन्होंने तुरंत कोल इंडिया मुख्यालय को निर्देश जारी किए हैं। इस मिशन में असम सरकार को पूर्ण सहयोग देने के लिए मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।
मंगाया जा रहा वाटरिंग पंप
खदान में भरे पानी को निकालने के लिए डी वाटरिंग पंप मंगाया गया है। सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि बचाव अभियान जोरों पर है। सेना और NDRF के गोताखोर खदान में उतर चुके हैं।
नौसेना के जवान मौके पर हैं और उनके बाद गोता लगाने की अंतिम तैयारियां कर रहे हैं। इस बीच SDRF के डी-वाटरिंग पंप उमरंगशु से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। ONGC के डी-वाटरिंग पंप को कुंभीग्राम में एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर लोड किया गया है।