कानपुर। महाकुंभ 2025 में आध्यात्मिक विचारों का आदान प्रदान होता है लेकिन आज अर्थ की दुनिया में महाकुंभ किसी ओलिंपिक से कम नहीं हैं जिनका जहां आयोजन होता है, वह और उसके आसपास के शहर दूसरे स्थानों से आर्थिक विकास की दौड़ में मीलों आगे निकल जाते हैं।
महाकुंभ शुरू हो गया है और पहले दिन 1.65 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अगले 45 दिन में इनके 45 करोड़ होने की उम्मीद है। इस संख्या को देखते हुए कनफेडरेशन आफ इंडियन ट्रेडर्स ने महाकुंभ में दो लाख करोड़ रुपये का कारोबार की उम्मीद जताई है।
कानपुर शहर प्रयागराज के लिए सबसे बड़ा सप्लाई का केंद्र है। इसलिए यहां के उद्यमी और कारोबारी मान रहे हैं कि इस कारोबार में शहर की भागीदारी 15 प्रतिशत तक हो सकती है। इस तरह महाकुंभ से कानपुर को 30 हजार करोड़ रुपये का कारोबार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
कानपुर के अर्थतंत्र में पड़ेगा असर
यह राशि पिछले वर्ष इनवेस्टर समिट में शहर से किए गए 59 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव का आधा है। यह इतनी बड़ी राशि है कि इससे कानपुर शहर के अर्थतंत्र को पूरी तरह बदला जा सकता है।
अगले 45 दिन में प्रयागराज में जो श्रद्धालु पहुंचेंगे, उतनी संख्या दुनिया में भारत और चीन को छोड़कर किसी देश की नहीं है। इसलिए उनकी क्रय शक्ति भी तमाम दूसरे देशों से ज्यादा होगी। कानपुर के उद्यमियों और कारोबारियों ने महाकुंभ के बहुत से कार्यों के लिए अपने यहां से आर्डर सप्लाई किए हुए हैं।
टेंट कारोबारियों ने काफी ज्यादा टेंट लगाए हैं। मात्र 200 किलोमीटर की दूरी होने से यहां से बमुश्किल तीन घंटे के सफर में कोई भी चीज वहां पहुंचाई जा सकती है, इसलिए कानपुर को प्रयागराज में कोई भी माल सप्लाई करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कानपुर में कराई जा रही बुकिंग
इतना ही नहीं दक्षिण और पश्चिम के राज्यों से जो श्रद्धालु प्रयागराज आ रहे हैं, उनके लिए प्रयागराज से पहले कानपुर शहर है। प्रयागराज में होटल न बुक होने पर कानपुर में बुकिंग कराई जा रही है।
इसका एक कारण यह भी है कि कानपुर सेंट्रल होने की वजह से यहां हर तरफ से ट्रेनें भी आती हैं और हाईवे से भी प्रयागराज जाने की राह है। इसलिए यहां के होटलों में बुकिंग काफी ज्यादा है। निजी बसों को भी पूरी तरह महाकुंभ से जोड़ दिया गया है।
प्रशासन ने एक हजार बसों को इस आयोजन से जोड़ा है क्योंकि दक्षिण या पश्चिम राज्यों से जो लोग कानपुर सेंट्रल स्टेशन भी पहुंच गए तो उन्हें भी महाकुंभ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रहेगी।
इससे यहां के लाजिस्टिक सेक्टर को अगले 45 दिन काफी ज्यादा काम मिलने जा रहा है। इसके अलावा यहां किराए पर कारों को देने के लिए कई सौ ट्रैवलर हैं जिनके पास हर दूसरे-तीसरे दिन प्रयागराज की ही बुकिंग है।
इनके साथ ही कानपुर से पूजा सामग्री, खाद्य सामग्री, खाने वाले तेल, सब्जियां, मसाले, दूध, बिस्कुट, रस्क, नमकीन, चप्पल, बनियान, गर्म कपड़ों की काफी सप्लाई प्रयागराज हो रही है। पूजा के लिए फूल भी रोज काफी मात्रा में भेजे जा रहे हैं।
महाकुंभ स्नान के बाद श्रद्धालु गंगाजल ले जाने के लिए जेरीकेन का उपयोग करते हैं। कानपुर में जेरीकेन की कई फैक्ट्री हैं जिनके आर्डर बढ़े हुए हैं। बहुत से लोगों के रिश्तेदार भी यहां आकर ठहर रहे हैं जिसकी वजह स्थानीय स्तर पर भी अगले डेढ़ माह में खाने-पीने की वस्तुओं की खपत बढ़ने की उम्मीद है।