मनीष वर्मा की रिपोर्ट
रायबरेली। एक बेटे ने महाकुम्भ में संगम स्नान के बाद घर पहुँच कर अपने किसान पिता को मौत के घाट उतार दिया। पिता के विधवा चाची से सम्बन्ध थे बेटा इसी बात से नाराज़ था। सूरत में साड़ी छपाई का काम करने वाले कलयुगी बेटे ने हत्या का प्लान ऐसा फूलप्रूफ बनाया था कि एक बार पुलिस भी चकरा गई।
हालांकि पुलिस ने जब बेटे का मोबाइल सर्विलांस पर डाला तो सारा राज़ खुल गया और हत्यारोपी शिकन्जे में फँस गया। मामला रायबरेली के भदोखर थाना इलाके के इकछनिया गांव का है। यहां के रहने वाले किसान कल्लू यादव चार भाई थे जिनमें तीन की मौत हो चुकी है।
कल्लू उन्ही में से एक विधवा भाभी के करीब था और उसी के घर में रहता ख़ाता था। इस बात से कल्लू का बेटा सुरेन्द्र यादव अपने पिता से नाराज़ भी रहता था। सुरेन्द्र सूरत में रहकर साड़ी छपाई का काम करता था। लगभग एक महीने पहले सुरेन्द्र यहां आया था।
इस दौरान अपनी माँ की उपेक्षा और चाची से पिता की करीबी से बहुत आहत हुआ और गांव में किसी से कह कर गया था कि जल्द ही वह अपने बाप को निपटा देगा। सूरत में रहते हुए सुरेन्द्र ने फूलप्रूफ प्लान बनाया और वहां से चलकर पहले उसने सीधे प्रयागराज पहुँच कर संगम में स्नान किया।
वहां से स्नान के बाद देर रात सुरेन्द्र गांव पहुंचा और रास्ते में उसने ओखली में इस्तेमाल होने वाला छोटा मूसल खरीद लिया था। चूँकि उसके पिता कल्लू पास में जानवरों के लिये बनी झोपडी में सोते थे इसलिए सुरेन्द्र चुपचाप वहीं पहुंचा और पिता के सिर व मुहं पर मूसल से तीन वार किये।
तीन वार से कल्लू के प्राण पखेरू उड़ गये और उनके मुहं से चीख तक नहीं निकली। सुरेन्द्र हत्या के बाद लखनऊ चला गया और वहां से उसने उन्नाव के लिये बस पकड़ ली। इधर कल्लू का शव मिलने पर सूचना पाकर पहुंची
पुलिस हत्यारोपियों की तलाश में थी तभी किसी ने बताया कि इसका बड़ा बेटा जो सूरत में रहता है उसने जाने से पहले कहा था कि मैं अपने बाप को निपटा दूंगा। पुलिस ने परिजनों से सुरेन्द्र को फोन लगाने को कहा तो उसने कहा कि सूरत से निकला हूं रात तक पहुँच जाऊँगा।
उधर पुलिस ने जब उसके मोबाइल को सर्विलांस पर लिया तो लोकेशन उन्नाव लखनऊ के बीच थी। पुलिस का शक पक्का हुआ तो एसओजी ने हत्यारोपी बेटे को उठा लिया। बेटे ने पूछताछ में बताया कि उसकी माता उपेक्षित थी और चाची के करीब पिता सब कुछ उसी पर उड़ा रहे थे इसलिए उन्हें मार डाला।