संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बीते 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद से यहां सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।
बर्क के मकान को बिना नक्शा पास कराए बनाने का तहसील प्रशासन ने अंतिम नोटिस दिया था। अब अंतिम नोटिस की तारीख बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गई है।
इसके बाद अगर निर्धारित समय के अन्दर उनकी तरफ से नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है। तब प्रशासन सपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
दी जा चुकी है तीन नोटिस
दरअसल, जियाउर्रहमान बर्क पर बगैर नक्शा पास कराए मकान निर्माण कराने का आरोप लगा है। उक्त के संबंध में तहसील प्रशासन उन्हें पूर्व में 3 बार यानि अंतिम नोटिस भी दे चुका है।
हालांकि अभी तक दिए नोटिस के जबाव से तहसील प्रशासन संतुष्ट नहीं है। चूंकि सांसद को तीसरा यानि अंतिम नोटिस देकर 16 जनवरी तक जबाव मंगा था और अब तक उनकी ओर से जवाब नहीं मिला तो तहसील प्रशासन ने नोटिस की तारीख बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी है।
एक ओर जहां सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर बिजली चोरी में लगभग एक करोड़ 91 लाख का जुर्माना लगा है। वहीं बगैर नक्शे के मकान बनाने का आरोप यदि सच साबित हुआ एक और जुर्माना उन पर लगा सकता है।
क्या कहा SDM ने?
SDM वंदना मिश्रा ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के बिना नक्शा पास कराए मकान बनाने के नोटिस देने के मामले में पत्रकारों को बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा एक प्रर्थना पत्र दिया गया है जिसमें उन्होंने नया अधिवक्ता नियुक्त करने की बात कही है और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए समय की मांग की है। उन्हें 23 जनवरी तक का और समय दिया है।
यदि तय समय में संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तो जो एक्ट के तहत प्रावधान है उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। नगर पालिका के रिकॉर्ड में उक्त मकान में वर्तमान सपा सांसद का भी नाम है। आगे समय और देने के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि इस पर 23 जनवरी को ही विचार किया जाएगा।
क्या कहा सांसद के अधिवक्ता ने?
वहीं सांसद के अधिवक्ता मोहम्मद नहीम का कहना है कि अभी अंतिम नोटिस नहीं दिया था साक्ष्य के लिए कहा गया था जिसको लेकर हमारी तरफ से नकलें दाखिल की गई है लेकिन अभी तक नहीं मिल सकी है। जैसे ही नकलें मिल जायेंगी हम न्यायालय में अपने साक्ष्य दाखिल कर देंखे।
मकान पूर्व सांसद स्वर्गीय शफीकुर्रहमान बर्क के नाम है उनके इंतकाल के बाद उनके पुत्र मुमलुकल रहमान लीगल वारिस है हैं उनके नाम होना चाहिए। जियाउर्रहमान जो है उनकी बैनामी संपत्ति है वो अलग मालिक है। साक्ष्य के बाद सबके सामने जो है वो आ जाएगा।