नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपत्ति मालिकों को 65 लाख संपत्ति कार्ड बांटे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज का दिन देश के गांवों के लिए और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से अधिक गांवों में संपत्ति मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए।
क्या है स्वामित्व योजना?
स्वामित्व योजना की शुरुआत नवीनतम ड्रोन तकनीक के माध्यम से सर्वेक्षण के लिए की गई। इसके लिए गांवों में बसे हुए क्षेत्रों में घरों के मालिक परिवारों को ‘अधिकारों का रिकॉर्ड’ प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के उद्देश्य से कार्य किया गया।
स्वामित्व (गांवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर तकनीक के साथ मानचित्रण) पहल ग्रामीण भारत को बदलने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है।
इस पहल के तहत, सरकार सटीक संपत्ति स्वामित्व डेटा प्रदान कर रही है, जिसमें स्पष्ट स्वामित्व रिकॉर्ड लोगों को मिलता है, जिससे भूमि विवाद कम हो गए हैं।
योजना से क्या हुआ लाभ?
इस योजना ने भारत के ग्रामीण सशक्तिकरण और शासन यात्रा में एक मील का पत्थर साबित किया है।
यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाने में भी मदद करती है।
इस कार्ड के माध्यम से गांव के लोग बैंक ऋण पा सकते हैं।
योजना से संपत्ति से संबंधित विवाद कम हुए हैं।
स्वामित्व योजना ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों और संपत्ति कर के बेहतर मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करती है।
अब तक 2 करोड़ 25 लाख संपत्ति कार्ड तैयार
बता दें कि 3 लाख 17 हजार से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। ये आंकड़ा लक्षित गांवों के 92 फीसद को कवर करता है। अब तक 1 लाख 53 हजार से अधिक गांवों के लिए लगभग 2 करोड़ 25 लाख संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
यह योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मप्र,उप्र और छत्तीसगढ़ राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी ड्रोन सर्वेक्षण पूरे हो चुके हैं। योजना 24 अप्रैल 2020 (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर) को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई थी।