मुंबई: महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही सत्ता पाने के लिए तरह-तरह के गठबंधन हो रहे हैं। जहां एक ओर 20 वर्षों के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया वहीं एनसीपी में भी अजित पवार और शरद पवार के बीच पुणे में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बातचीत शुरू तो हुई लेकिन यह बेनतीजा रही।
पुणे महानगरपालिका और पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका चुनाव अजीत पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी गठबंधन में लड़ना चाहती थी। दोनों की ओर से गठबंधन की कोशिश भी हुई। दोनों दलों के बीच मीटिंग भी बुलाई गई लेकिन बातचीत बेनतीजा खत्म हुई।
क्यों बेनतीजा रही बातचीत?
जानकारी के मुताबिक गठबंधन की बातचीत के दौरान अजित पवार की NCP ने शरद पवार की पार्टी को सिर्फ 35 सीटें देने का प्रस्ताव रखा। साथ ही एनसीपी(AP) की तरफ से शर्त रखी गई कि एनसीपी(SP) के सभी उम्मीदवार घड़ी इस चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे। अजित पवार खेमे की यह शर्त शरद पवार के खेमे को नागवार गुजरी। एनसीपी(SP) की तरफ से साफ कह दिया गया कि हमारे उम्मीदवार सिर्फ हमारे चुनाव चिन्ह ‘तुतारी’ पर ही लड़ेंगे। बताया जाता है कि इसी मुद्दे पर गठबंधन की बातचीत टूट गई। शरद पवार कैम्प की तरफ से अजित पवार को दोबारा मनाने का प्रयास किया गया लेकिन सहमति नहीं बन पाई।
एमवीए की बैठक में शामिल हुई शरद पवार की एनसीपी
अजीत पवार की एनसीपी के साथ मीटिंग में बात नहीं बनने पर शरद पवार की NCP वापस MVA के पास लौट आई है। शरद पवार की NCP ने महाविकास अघाड़ी के साथ दोबारा मीटिंग की। पुणे के शांताई होटल में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे, शिवसेना और शरद पवार की NCP की जॉइंट मीटिंग हुई।
इस मीटिंग में शरद पवार की एनसीपी के विशाल तांबे, अंकुश काकड़े, मनाली भिलारे, अश्विनी कदम और MLA बापूसाहेब पठारे मौजूद रहे जबकि कांग्रेस से अरविंद शिंदे, अभय छाजेड, रमेश बागवे शामिल हुए। वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना से वसंत मोरे, गजानन थरकुडे, संजय मोरे इस बैठक में शामिल हुए।

