उत्तरकाशी। देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी और आसपास के कई इलाकों में आज शुक्रवार को सुबह-सुबह दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दहशत के चलते लोग घरों से बाहर निकल आए। लोगों में भय का माहौल है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सभी तहसीलों से जानकारी जुटाई जा रही है।
बताया जा रहा है कि पहले सुबह करीब 7 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप के कारण वरुणावत पर्वत के भूस्खलन जोन से मलबा और पत्थर गिरे। इसके बाद दोबारा 8 बजकर 19 मिनट पर फिर झटके महसूस हुए, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 रही।
भूकंप का केंद्र जमीन से पांच किमी नीचे उत्तरकाशी में था। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को जिले की सभी तहसील क्षेत्रों में भूकंप के असर के बारे में सूचना जुटाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल जिले में कहीं से भी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।
भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।