नई दिल्ली। आपका फोन आपसे अभी कितनी दूर है? आपने इसे आखिरी बार कब देखा था? हम में से कई लोगों के लिए, ये डिजिटल डिवाइस लगभग हमेशा हमारे हाथों में होता है और एक नई स्टडी में ब्रेन एक्टिविटी होने वाले इफेक्ट्स को हाइलाइट किया गया है, जो तब हो सकते हैं जब हम इनका इस्तेमाल कम करते हैं।
एक हाल में की गई स्टडी में पाया गया है कि सिर्फ तीन दिन के लिए स्मार्टफोन छोड़ने से आपके ब्रेन की एक्टिविटी पर काफी असर पड़ सकता है।
ये रिसर्च जर्मनी की Heidelberg University और University of Cologne के साइंटिस्ट्स ने की, जिसमें 18 से 30 साल की उम्र के 25 यंग एडल्ट शामिल हुए। पार्टिसिपेंट्स से 72 घंटों तक फोन यूज को सीमित करने को कहा गया, जिसमें सिर्फ जरूरी कम्युनिकेशन और वर्क टास्क्स की इजाजत थी।
ब्रेन एक्टिवेशन में दिखे बदलाव
फोन ‘डाइट’ से पहले और बाद में, पार्टिसिपेंट्स के MRI स्कैन और साइकोलॉजिकल टेस्ट्स किए गए। इसका मकसद ये देखना था कि फोन यूज कम करने से उनके ब्रेन पैटर्न्स पर क्या असर पड़ता है। रिजल्ट्स में ब्रेन एक्टिवेशन में बदलाव दिखे, जो एडिक्शन से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम्स से संबंधित थे।
रिसर्चर्स ने अपने पब्लिश्ड पेपर में लिखा, ‘हमने स्मार्टफोन यूजर्स में स्मार्टफोन रेस्ट्रिक्शन के प्रभाव को जांचने के लिए एक लॉन्गिट्यूडिनल अप्रोच का इस्तेमाल किया।’ ‘समय के साथ ब्रेन एक्टिवेशन में बदलाव और एडिक्शन से जुड़े न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम्स के बीच संबंध पाए गए।’
बदलती है ब्रेन एक्टिविटी
स्कैन के दौरान, पार्टिसिपेंट्स को कई तरह की इमेज दिखाई गईं, जिनमें स्मार्टफोन की तस्वीरें (ऑन और ऑफ दोनों), साथ ही न्यूट्रल इमेज जैसे बोट्स और फूल शामिल थे।
स्टडी से पता चलता है कि कम समय के लिए स्मार्टफोन रेस्ट्रिक्शन भी ब्रेन एक्टिविटी को बदल सकता है, जिससे ये समझ आता है कि डिजिटल डिवाइसेज हमारे न्यूरल पैटर्न्स को कैसे प्रभावित करते हैं।
रिसर्चर्स ने लिखा, ‘हमारा डेटा स्मार्टफोन यूज की क्रेविंग और सोशल इंटरैक्शन की क्रेविंग को अलग नहीं करता, जो आजकल दो बहुत करीब से जुड़े प्रोसेस हैं।’
‘हालांकि हमारा डेटा इन प्रोसेस को पूरी तरह समझाए बिना काफी मजबूत नतीजे दिखाता है, भविष्य की स्टडीज को इस पहलू को स्पष्ट रूप से एड्रेस करने की कोशिश करनी चाहिए।’