बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के जिम्मेदार कह रहे हैं कि देश में मुसलमानों को खतरा है, सुरक्षित नहीं हैं। ये सरासर गलत और गुमराह करने वाली बातें हैं।
उन्होंने कहा कि देश में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित है। देश में मुसलमान अपने धार्मिक त्योहार, नमाज, रोजा, हज, जकात, जुलूस और उर्स आदि कार्यक्रम आजाद तौर पर मनाता है। कोई भी व्यक्ति या हुकूमत इन धार्मिक कार्यक्रमों में कोई भी बाधा नहीं डालती।
रमजान में धरना प्रदर्शन करना गलत
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड वक्फ संशोधन बिल के विरोध में जंतर-मंतर दिल्ली पर धरना प्रदर्शन करने जा रहा है। धरना प्रदर्शन करना, अपनी आवाज बुलंद करना हर व्यक्ति को संविधान ने यह अधिकार दिए हैं। मगर रमजान का महीना खुदा की इबादत के लिए है, धरना प्रदर्शन के लिए नहीं।
साल के 12 महीनों में रमजान के माह में मुसलमान पवित्रता के साथ रोजा रखता है। नमाज पढ़ता है, कुरआन शरीफ की तिलावत करता है।ऐसी स्थिति में रमजान शरीफ के दिनों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करना, लोगों को धार्मिक कार्य से रोककर राजनीतिक काम में लगाना है। साल के 11 महीनों में किसी दिन भी धरना प्रदर्शन किया जा सकता था। रमजान के महीने में ही क्यों आयोजन किया गया।
‘ऐसे लोगों को भेजा जाए पाकिस्तान’
मौलाना ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदारान भारत में मुसलमानों को असुरक्षित बता रहे हैं। ऐसे लोगों को वीजा देकर भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश में भेज देना चाहिए।
इन मुस्लिम देशों में क्या सूरत-ए-हाल है और कैसी खाना जंगी हो रही है, अपनी आंखों से देखने के बाद सबकुछ समझ में आ जाएगा। फिर भारत वापस आने के बाद यही लोग चिल्ला चिल्ला कर कहेंगे कि भारत में मुसलमानों को कोई खतरा नहीं और पूरी तरह सुरक्षित हैं।