(सीरिया): सीरिया में कबीलाई लड़ाकों ने अमेरिकी बलों और सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF0 के खिलाफ महासंग्राम छेड़ दिया है। सीरियाई क्षेत्र दीर अल-ज़ोर की प्रमुख अरब अकीदात कबीलों के सदस्यों ने हाल ही में एक सार्वजनिक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी सैन्य उपस्थिति और SDF का सामना करने के लिए अपनी एक नई सैन्य परिषद की घोषणा की है। इसका नाम “अकीदत आर्मी” रखा है। इस ऐलान के साथ ही अकीदत आर्मी अब कबीलों से एयदा शहर की ओर जंग के लिए निकल चुकी है।
कबीले के बुजुर्गों ने जगाया जोश
कबीलों के बुजुर्गों और शेखों ने कहा है कि इस परिषद की स्थापना “लोकतांत्रिक प्रतिरोध” की दिशा में एक निर्णायक कदम है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी कब्जे वाले क्षेत्रों के खिलाफ एक निश्चित उद्देश्य के लिए संगठित होकर उनका मुकाबला करना है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अमेरिकन ताकतें, उनके समर्थित ढांचे और मिलिशिया एक “वैध प्रतिरोध लक्ष्य” हैं। साथ ही उन्होंने कबीलों के लिए एक राजनीतिक मंच और इसकी सैन्य शाखा के रूप में “अकीदत आर्मी” (Akidat Army) नामक संरचना तैयार की है, जो सीरियाई सेना के साथ समन्वय में कार्य करेगी।
अमेरिकी सैन्य बलों के खिलाफ संघर्ष
अकीदत आर्मी अमेरिकी सैन्य बलों और सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज के खिलाफ यह मोर्चा खोला है। इसमें यह भी कहा गया है कि परिषद द्वारा तत्काल प्रभाव से सैन्य और राजनीतिक स्तर पर कदम उठाये जा रहे हैं ताकि “सीरियाई भूमि को इनके कब्जे से पूरी तरह मुक्त कराया जा सके। इस मंच को उन्होंने “राजनयिक, सैन्य और जनहित कार्यों” का संयुक्त संयोजन बताया है, जिसमें सामान्य नागरिकों की सुरक्षा और संसाधन नियंत्रण भी शामिल है। परिषद के एक सदस्य शेख अब्दुल करीम ने कहा कि “यह प्रतिरोध अमेरिकी उपस्थिति के निष्कासन की शुरुआत मात्र है” और यह समय के साथ “अधिकार और संसाधनों की वापसी” की दिशा में निर्णायक मोड़ साबित होगा।
सुएयदा में कबीलों और द्रुज समुदाय में टकराव
विशेष रूप से यह पहल तब सामने आई है, जब हाल के दिनों में सुएयदा प्रांत में विभिन्न कबीलों और द्रुज समुदाय के बीच अलगाव और टकराव ने ऐतिहासिक रूप ले लिया है। इस क्षेत्र में स्थानीय सुरक्षा की स्थिति खराब होने के कारण सरकारी प्रतिनिधित्व कमजोर हो गया है, जिससे जनप्रतिरोध और स्वायत्तता के स्वर जागृत हो रहे हैं। राष्ट्रपति अहमद अल-शराहा के नेतृत्व वाली सीरिया की नई प्रशासनिक व्यवस्था ने इस विवाद में कबीलों की भूमिका को महत्वपूर्ण माना है और कुछ मामलों में उनका अप्रत्यक्ष समर्थन भी शामिल है। ताकि विदेशी हस्तक्षेप को रोका जा सके।
अकीदत बलों को राजनीतिक संरक्षण
इस प्रकार अकिदात कबीलों द्वारा स्थापित यह सैन्य-राजनीतिक संयोजन न सिर्फ एक स्थानीय सेना के रूप में कार्य करेगा, बल्कि अमेरिकी प्रभाव को चुनौती देने की रणनीति में सामंजस्यपूर्ण राष्ट्रीय शक्ति का दबाव भी बनाएगा। सुएयदा के संसाधनों और सीमाओं पर सीरियाई सरकार की संप्रभुता बहाल करने के उद्देश्य से यह प्रतिरोध एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।