प्रेमी से शादी की जिद पर अड़ी बेटी की रिटायर्ड दरोगा ने ही घर में गला घोंटकर हत्या कर दी। छटपटाती बेटी के मां ने पैर पकड़ लिए। बाद में शव को कार से ले जाकर इटावा में यमुना नदी में फेंक दिया। यह घटना 25 अक्तूबर की है।
अंशु की जान उसकी जिद की वजह से चली गई। वह भागकर नहीं बल्कि सामाजिक रूप से प्रेमी के साथ शादी करना चाह रही थी। पुलिस के मुताबिक उसके पिता शादी के लिए तो तैयार थे लेकिन भागकर शादी करने के लिए दबाव बना रहे थे। इससे वह पिता के खिलाफ ही खड़ी हुई तो पिता ने हत्याकांड को अंजाम दे डाला, हत्या में मां का भी सहयोग रहा।
डीसीपी पश्चिमी जोन अतुल शर्मा के मुताबिक, एसीपी सैंया डाॅ. सुकन्या शर्मा और प्रभारी निरीक्षक विनोद मिश्र ने पूरे मामले में खुद पड़ताल की। आरोपी रणवीर सिंह ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि बेटी के प्रेम संबंध रिश्ते के नाती से हो गए थे। वर्ष 2022 तक वो शादी करने के लिए तैयार थे। सेवानिवृत्त होने के बाद रिश्तेदार ही तरह-तरह की बात करने लगे। इस पर बेटी से कहा कि वह खुद जाकर शादी कर ले। मगर वो तैयार नहीं हुई। उसका कहना था कि वह सामाजिक रूप से सबकी मर्जी से रिश्ता करेगी। इस पर उन्हें लग रहा था कि उनकी बदनामी हो जाएगी। 6 महीने पहले छोटी बेटी का रिश्ता तय कर दिया, वह भी प्रेम विवाह कर रही थी। इससे अंशु नाराज हो गई। उसने कहा कि जब एक बहन का विवाह मर्जी से हो सकता है तो उसका क्यों नहीं हो सकता।
वीडियो वायरल होने पर प्रेमी को हुआ खतरा
पुलिस के मुताबिक, बेटी की जिद की वजह से आरोपी के घर में आए दिन घर में झगड़े होने लगे। इस पर पिता ने अंशु का मोबाइल छीन लिया। वह प्रेमी अनुराग से अपनी सहेली की मदद से बात करती थी। अपने बारे में बता देती थी। 24 अक्तूबर को उसने वीडियो अनुराग को भेजकर जान का खतरा जताया था। कई रिश्तेदारों तक यह वीडियो पहुंच गया। इस पर मां-पिता को पता चल गया। 25 अक्तूबर की सुबह 8 बजे पिता का अंशु से विवाद हुआ। वह गुस्से में आ गए। उन्होंने अंशु के गले में दुपट्टा डाल दिया। इसे दबाना शुरू कर दिया। वह जान बचाने के लिए छटपटाने लगी। वह उसके ऊपर बैठ गए। पैर फेंकने पर मां ने पकड़ लिए। आखिर में अंशु ने अपने छोटे भाई लकी को बुलाया। मगर वो जब तक आता, तब तक उसकी जान निकल चुकी थी।
वाराणसी में फेंकने की बनाई थी योजना
घटना के बाद आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। सुबह 10 बजे घर के अंदर कार की डिकी में शव रख दिया। इसे इटावा ले गए। वह एक बजे टोल के कैमरों में कैद भी हो गए। इसके बाद रणवीर अपने साले सतीश के पास पहुंचे। उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। रणवीर शव को वाराणसी लेकर जाना चाहता था। मगर सतीश ने यही कहा कि वह शव को यमुना नदी में फेंक देंगे। किसी को पता नहीं चलेगा। इस पर वह यमुना पुल पर गए। शव को फेंककर आ गए।
उधर, प्रेमी का संपर्क नहीं होने पर वह अंशु की सहेली की मदद से बात करने की कोशिश कर रहा था। अंशु की छोटी बहन अनुराग के बारे में बहन की सहेली को फोन करके जानकारी लेती थी। इस बात की जानकारी अनुराग को हो गई। वह कोर्ट में पहुंच गया।
बचने का भी किया इंतजाम
पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि रणवीर सिंह ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को डिलीट कर दिया। डीवीआर में सात दिन तक ही फुटेज सुरक्षित रह सकते थे। जब उन्हें अनुराग की ओर से याचिका दायर किए जाने की भनक हुई, तब गुमशुदगी दर्ज कराई। इस दाैरान पुलिस को प्रेमी के बारे में जानकारी नहीं दी। वह घटना में प्रेमी को फंसाना चाहते थे। एसीपी सैंया डाॅ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि वह इटावा में शव फेंके जाने की आशंका पर टीम के साथ 9 दिसंबर को पहुंचीं। वहां पर एसडीआरएफ की मदद से यमुना में तलाश कराई। तब उन्हें कुर्ता और बाल मिले। मगर रणवीर सिंह ने बेटी के मानने से इन्कार कर दिया। मगर, अनुराग के फोन में एक फोटो थी, जिसमें अंशु ने वही कपड़े पहने हुए थे। इससे पुलिस का शक बढ़ गया। रविवार को टीम फिर से उसी जगह पर पहुंची घटनास्थल पर खोपड़ी, जबड़ा, एक हाथ और दुपट्टा बरामद कर लिया गया। पिता ने बड़े बेटे गाैरव को घटना की जानकारी दी थी। इस पर उसने सीसीटीवी फुटेज मिटा दिए। वकीलों से भी बचने की योजना बनाई।
फिल्म जैसी है लाश तलाशने की कहानी
एसीपी ने बताया कि मृतका के शव के अवशेष मिलना आसान नहीं था। घटना को 50 दिन हो गए थे। पुलिस छानबीन में लगी। जब इटावा में शव फेंके जाने का पता चला तो टीम घटनास्थल पर पहुंच गई। मृतक के अवशेष एक के बाद एक पुलिस को मिलने लगे। पहले कुर्ता और बाल मिले। इन्हें प्रेमी ने पहचान लिया। बाद में दुपटटा, जबड़ा, खोपड़ी और हाथ तक मिला। इन सभी को अब फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। डीएनए मिलान कराया जाएगा। जिससे आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाया जा सके। जिस तरह से तलाश फिल्म में मृतक एक्ट्रेस के शव को एक्टर ने बरामद किया था, उसी तरह पुलिस इस मामले में भी खुलासे तक पहुंच गई।

