गाजीपुर जिले में करीब पांच माह पूर्व एक युवती से दुष्कर्म के मामले में लीपापोती और तहरीर बदलवाकर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करने का मामला अब पुलिस विभाग में हलचल का कारण बन गया है। मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता के बयान के बाद पूरा प्रकरण उजागर हुआ, जिसके बाद पुलिस ने दुष्कर्म की धारा जोड़कर आरोपी को जेल भेजा।
ये है पूरा मामला
घटना सामने आने के बाद एसपी डॉ. ईरज राजा ने पूरे मामले में विभागीय जांच बैठा दी है। बताया जा रहा है कि जांच की आंच तत्कालीन कोतवाल, विवेचक और अन्य पुलिसकर्मियों तक पहुंच सकती है। फिलहाल, जांच रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। इस पूरे प्रकरण में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला मंत्री मन्नू बिंद का नाम भी सामने आया है।
पुलिस के अनुसार, उन पर रंगदारी वसूलने और धमकी देने का मुकदमा दर्ज है। आरोप है कि दुष्कर्म आरोपी को बचाने के लिए तहरीर बदलवाने और मामले में समझौते के नाम पर धन लेने की भूमिका निभाई गई थी।जानकारी के अनुसार, बीते 2 जून को थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने पुलिस को तहरीर देकर एक युवक पर उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
आरोप है कि इसके बाद दबाव में आकर पुलिस ने तहरीर बदलवाकर 3 जून को छेड़खानी का मुकदमा दर्ज किया, जबकि आरोपी को शांति भंग में चालान कर मामले की इतिश्री कर दी गई। बाद में पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में दुष्कर्म की पुष्टि होने पर पुलिस ने पांच माह बाद धाराएं बढ़ाकर बीते 30 अक्टूबर को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस दौरान आरोप लगे कि भाजपा नेता ने मामले में मध्यस्थता कर एक लाख रुपये लिए थे। बाद में जब मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो भाजपा नेता मन्नू बिंद के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया।

