भूस्खलन के बाद अब चीन में एक और तबाही, जोरदार भूकंप से फिर कांपी धरती; जानें कितनी रही तीव्रता

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भूस्खलन के बाद अब चीन में एक और तबाही, जोरदार भूकंप से फिर कांपी धरती; जानें कितनी रही तीव्रता

चीन के तिब्बत इलाके में शुक्रवार सुबह जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां तिब्बत में सुबह-सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस बारे में जानकारी दी है। भूकंप का केंद्र चीन और नेपाल की सीमा के पास था। इससे पहले भी हाल ही में चीन के तिब्बत इलाके में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। बता दें कि इससे पहले चीन के दक्षिण-पश्चिमी इलाके में भारी भूस्खलन की सूचना मिली है। भूस्खलन की इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 से अधिक लोग मलबे में फंसे हुए हैं।

क्यों आते हैं भूकंप?

हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

भारत में क्या हैं भूकंप के जोन

भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है। भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा

4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।

 

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