आगरा के थाना किरावली क्षेत्र के कस्बा मिढ़ाकुर के मुस्लिमों ने ताजिया नहीं दफनाने का ऐलान किया है। मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा है कि कर्बला जाने वाले रास्ते पर जलभराव की समस्या है। सोमवार से स्थानीय लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। मंगलवार को दूसरे दिन भी धरना जारी रहा।
विकास खंड बिचपुरी का कस्बा मिढ़ाकुर ओडीएफ प्लस घोषित ग्राम पंचायत है। इसके बाद भी यहां रहने वाले ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। लगातार हो रही बारिश के बाद तालाब का गंदा पानी घरों तक आ गया है। मिढ़ाकुर के क्षेत्र पंचायत सदस्य मनोज कुमार ने बताया है कि कस्बे में बिजलीघर के सामने तालाब बना हुआ है। इसकी 20 वर्षों से सफाई नहीं हुई है। तालाब में भारी गंदगी पड़ी हुई है। लगातार हो रही बारिश के कारण तालाब का पानी ओवरफ्लो होकर पांच गलियों में भर गया है। इससे करीब 40 परिवारों को काफी परेशानी हो रही है। धरने के दूसरे दिन मंगलवार को लोगों ने गंदे पानी में खड़े होकर प्रदर्शन किया।
वहीं धरने पर बैठे अल्पसंख्यक समाज के जब्बार नेता ने कहा कि मुहर्रम के दौरान, ताजिया को दफनाया जाता है। परंतु कर्बला जाने वाले रास्ते पर पानी भरा हुआ है, अगर सफाई नहीं हुई तो मिढ़ाकुर में ताजिए नहीं दफनाएं जाएंगे। इसकी जानकारी पर एलआईयू की टीम अलर्ट हो गई। थानाध्यक्ष किरावली केवल सिंह फोर्स के साथ धरना स्थल पर पहुंच गए। धरने में हाजी हनीफ कुरैशी, सिंधी कुरैशी, काले कुरैशी, वकील कुरैशी, सत्तार कुरैशी, हनीफ कुरैशी, संदीप चौधरी, रामू सिकरवार, यशपाल सोलंकी आदि रहे। वहीं एसडीएम सदर सचिन राजपूत का कहना है कि मामला संज्ञान में है। बीडीओ और नायब तहसीलदार को समस्या का समाधान कराने के निर्देश दिए हैं। मोटर की मदद से गलियों में भरे पानी को निकलवाया जाएगा।