गुजरात के अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुए विमान के पायलट को लेकर उनके जूनियर ने बयान दिया है। कैप्टन सुमित सभरवाल ने एयर इंडिया के विमान AI-171 को लेकर उड़ान भरी थी। हालांकि, कुछ सेकेंड के अंदर ही उनका प्लेन क्रैश हो गया, जिसमें उनकी मौत हो गई। प्लेन में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हादसे की वजह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने पायलट की गलती होने की भी बात कही है। हालांकि, दिवंगत पायलट सुमित के जूनियर इससे सहमत नहीं हैं।
पूर्व कैप्टन मनमथ राउत्रे ने सुमित सभरवाल से ट्रेनिंग ली थी। उन्होंने कहा “मैंने उनके साथ लगभग 5 साल तक काम किया। मैंने कैप्टन सभरवाल के अधीन प्रशिक्षण लिया। मैंने उनके साथ जूनियर पायलट फर्स्ट ऑफिसर के रूप में भी काम किया। उन्होंने बोइंग-777 जैसे बड़े विमान भी उड़ाए। इस विमान को एयर इंडिया में आए हुए लगभग 11 से 12 साल हो गए होंगे और बोइंग को इस विमान को व्यावसायिक रूप से लॉन्च किए हुए लगभग 14 साल हो गए होंगे। पिछले 10 या 11 सालों से इस विमान में एक भी बड़ी समस्या नहीं आई थी और कैप्टन सभरवाल पिछले 11-12 सालों से इस विमान में थे। उनके पास बहुत अनुभव था और वे इस विमान के साथ सहज थे।”
सुमित को बताया नंबर 1 पायलट
मनमथ राउत्रे ने सुमित सभरवाल को लेकर कहा “वे ट्रेनिंग देते थे। मैंने उनके अधीन ट्रेनिंग की। वे जानकार और धैर्यवान थे। वे नंबर 1 थे। मुझे उनकी प्रतिभा, सजगता और ज्ञान के बारे में कोई संदेह नहीं है। लेकिन फिर भी, वे एक इंसान हैं और 0.1% संभावना है कि कभी-कभी कुछ गड़बड़ हो जाए। क्या गलत हो रहा है या क्या गलतियां हुईं। हम सिर्फ वीडियो देखने के बाद ही अनुमान लगा रहे हैं। मुझे नहीं पता कि मैं जो कह रहा हूं वह सही है या नहीं। डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर मिल गया है और उसमें असली सच्चाई है।”
अहमदाबाद में क्या हुआ?
गुरुवार दोपहर एयर इंडिया का विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुआ। हालांकि, उड़ान भरने के कुछ सेकेंड बाद ही विमान क्रैश हो गया और एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से जाकर टकरा गया। विमान में कुल 242 लोग सवार थे। इनमें से 241 की मौत हो गई। सिर्फ एक व्यक्ति की जान बची। वहीं, मेडिकल कॉलेज की जिस इमारत से विमान टकराया, उसमें भी कई लोग मौजूद थे, जिनकी मौत हो गई। इस हादसे में कुल 297 लोग मारे गए। विमान का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है और जल्द ही हकीकत सामने आने की उम्मीद है।

