अलीगढ़ महानगर के बरौला इलाके की मेयर प्रशांत सिंघल की फैक्टरी में 15 अगस्त सुबह कर्मचारी की मौत हो गई। इस खबर पर एकत्रित परिजनों ने शुरुआत में फैक्टरी प्रबंधन पर उसे देरी से अस्पताल ले जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। करीब एक घंटे तक फैक्टरी के बाहर से शव नहीं उठने दिया। बाद में मेयर ने पहुंचकर परिवार को समझाते हुए हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। तब जाकर परिजन शांत हुए। शव ले गए।
घटनाक्रम के अनुसार नगला मसानी देहली गेट के 55 वर्षीय सुशील कुमार पिछले 35 वर्ष से प्रशांत ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री की बरौला बाईपास स्थित यूनिट में काम करते थे। यह मेयर प्रशांत सिंघल की फैक्टरी है। 15 अगस्त सुबह सुशील रोजाना की तरह फैक्टरी पहुंचे। तभी 8:40 बजे अचानक उनके सीने में दर्द हुआ। अचानक से तबीयत बिगड़ने पर साथी स्टाफ ने वरिष्ठ अधिकारियों को बताकर उन्हें तुरंत पास के अस्पताल पहुंचाया। मगर वहां हृदयाघात बताकर मना कर दिया। इस पर उन्हें वहां से रामघाट रोड पर स्थित अस्पताल ले गए फिर वहां से जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां मृत घोषित कर दिया गया।
इधर, इस खबर पर परिजन भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। वे सुशील के शव को वापस कारखाने पर लेकर पहुंच गए। जहां गेट पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। साथ में प्रबंधन पर देरी से अस्पताल ले जाने का आरोप लगाया। इसी बीच वहां मेयर भी पहुंच गए। उन्होंने परिजनों से बात करते हुए खुद अपनी ओर से कहा कि सुशील हमारे बहुत पुराने कर्मचारी थे। इसलिए परिवार को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने परिवार की आर्थिक मदद के साथ साथ पत्नी को आजीवन वेतन देने का वायदा किया। तब परिजन शांत हुए। इसके बाद बिना किसी कार्रवाई या पोस्टमार्टम के शव को साथ ले गए। अंतिम संस्कार कर दिया।
सुशील आदि कर्मचारी सुबह स्वतंत्रता दिवस मनाने पहुंचे थे। तभी सफाई करते समय उन्हें सीने में दर्द हुआ। तत्काल अस्पताल ले जाया गया। मगर मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने हृदयाघात से मृत्यु होना बताया। हम उनके परिवार के साथ खड़े हैं। किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी।-प्रशांत सिंघल, मेयर