जीवनगढ़ अपलीक हेंडीक्राफ्ट प्रोडयूसर कम्पनी लिमिटेड, अलीगढ़ (उ0प्र0) द्वारा 3 दिवसीय शिल्प प्रदर्शन जागरूकता कार्यक्रम-2025-2026 का आयोजन कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के सहयोग से दिनांक 27 अगस्त 2025 से 29 अगस्त 2025 तक सुबह 11:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक होटल रॉयल क्लासिक, अलीगढ़ (उ0प्र0) में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माननीय मुख्य अतिथि रंजीत कुमार जी सहायक निदेशक (हस्तशिल्प) व दिनेश जी वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार हस्तशिल्प सेवा केन्द्र आगरा एवं प्रोडयूसर कम्पनी के डायरेक्टर सुनील कुमार, डायरेक्टर रमाकान्त एवं मास्टर ट्रेनर – शगुफता परवीन के कर कमलों द्वारा किया गया।
जिसमें 20 हस्तशिल्पियों को अलग-अलग क्राफ्ट के रिसोर्स पर्सन मास्टर/क्राफ्ट पर्सन के द्वारा अपने कौशल और तकनीकों का प्रदर्शन करते हुए शिल्प निर्माण प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन किया गया और वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चलाये जा रहे कार्यक्रम में हस्तशिल्पियों को वस्त्र मंत्रालय की लाभ की योजनाओं के बारे में अवगत कराया और वस्त्र मंत्रालय की योजनाओं लाभ उन्हें दिलाया गया और आगे दिलाया जाता रहेगा। शिल्प प्रदर्शन जागरूकता कार्यक्रम (सीडीएपी), भारत की हस्तशिल्प और हथकरघा की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई एक पहल है। इन कार्यक्रमों में आमतौर पर कारीगर अपने कौशल और तकनीकों का प्रदर्शन और शिल्प-निर्माण प्रक्रियाओं का लाइव प्रदर्शन किया गया और जनता को इन पारंपरिक कलाऔ के बारे में अवगत कराया गया।
शिल्प प्रदर्शन कार्यक्रम के प्रमुख पहलू :-
कारीगर को सशक्तिकरण बनाना :- सीडीएपी कार्यक्रम में कारीगरों को जनता के साथ सीधे संवाद करनेए अपने कौशल को बढ़ावा देने और अपने उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान किया गया ।
विरासत संरक्षण- पारंपरिक तकनीकों और डिज़ाइनों का प्रदर्शन करकेए सीडीएपी कार्यक्रम में इन कलाऔ को जीवित और प्रासंगिक बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी ।
कौशल विकास- सीडीएपी कार्यक्रम में कारीगरों के लिए प्रशिक्षण घटक भी शामिल किये गये जिससे उन्हें अपने कौशल को निखारने और बदलती बाजार माँगों के अनुकूल होने में मदद मिल सके ।
जागरूकता और प्रचार –
ये कार्यक्रम हस्तशिल्प और हथकरघा के मूल्य के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं जिससे उनकी निरंतर मांग और समर्थन में योगदान मिलता है।
1- रिसोर्स पर्सन/मास्टर क्राफ्ट पर्सन-शगुफता परवीन- अपलीक क्राफ्ट
अपलीक क्राफ्ट के हस्तशिल्पियो को जो अपना-अपना स्वरोजगार या कारीगरी का कार्य करते हैं उनको बताया कि किस प्रकार नई नई डिजाइनिग ब्रांडिंग और प्रमोशन से हस्तशिल्प अपने कायर्, और प्रोडक्शन को बढ़ाकर अपने उद्यम की मार्केटिग प्रणाली को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए डिजाइनर ने अपलीक क्राफट की समृ़द्ध सांस्कृतिक धरोहर की चर्चा करते कहा कि इस पारंपरिक कला को आधुनिक डिज़ाइन के साथ जोड़कर वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है।
2- रिसोर्स पर्सन/मास्टर क्राफ्ट पर्सन- तयब्बा कमर द्वारा बताया गया कि हैंड एम्ब्रॉयडरी का हिंदी अर्थ कढ़ाई है, जिसका मतलब है सुई और धागे की मदद से कपड़ों या अन्य सामग्रियों पर सुंदर डिज़ाइन बनाने की एक कला इसे कशीदाकारी, कसीदा या कारचोबी भी कहते हैं यह कपड़ों को सजाने की एक पुरानी और महत्वपूर्ण हस्तकला है, जिसमें धागे, मोती, और अन्य सामग्री का इस्तेमाल किया जा सकता है हैंड एम्ब्रॉयडरी हाथ की कढ़ाई कपड़े पर सुई और धागे से सजावटी सिलाई करने की कला है। इसमें कई प्रकार के फ्लॉस, सूत और रेशे इस्तेमाल किए जा सकते हैं, साथ ही कई तरह के टांके भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हाथ की कढ़ाई रजाई, कपड़ों और अन्य सामानों में एक सजावटी तत्व जोड़ती है।
3- रिसोर्स पर्सन/मास्टर क्राफ्ट पर्सन- दिव्या वर्मा द्वारा बताया गया कि हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग का अर्थ है लकड़ी या अन्य सामग्री से तराशे गए ब्लॉकों का उपयोग करके हाथ से कपड़ों पर डिज़ाइन बनाने की एक कला। इसमें, ब्लॉक को रंग में डुबोकर कपड़े पर दबाव डालकर पैटर्न और डिज़ाइन उकेरा जाता है, जो एक धीमी लेकिन अत्यधिक कलात्मक प्रक्रिया है।
4- रिसोर्स पर्सन/मास्टर क्राफ्ट पर्सन- प्रेंमवीर सिंह द्वारा बताया गया कि ग्लास प्रिंटिंग का अर्थ है किसी डिज़ाइन, इमेज या पैटर्न को कांच की सतह पर छापकर उसे सजाना या ब्रांडिंग करना। यह प्रक्रिया स्क्रीन प्रिंटिंग या डिजिटल प्रिंटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की जाती है, जहाँ स्याही को सीधे कांच पर लगाया जाता है। इस तकनीक का उपयोग घरों के अंदरूनी हिस्सों, कार्यालयों, दुकानों और अन्य जगहों पर ग्लास पार्टीशन, दरवाजों और सजावटी सामानों को आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है।
रिसोर्स पर्सन/मास्टर क्राफ्ट पर्सन ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य शिल्पकारों को उनके उप्पादों के बेहतर डिज़ाइन और प्रचार-प्रसार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है जिसमें हस्तशिल्पियों को टेनर के सहयोग से नये-नये डिजाइन के स्क्रेचेज के माध्यम से कटिंग करके उस पर अपलीक डिजाइन का वर्क सिखाया गया । जिसका कच्चा माल एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया गया ।
जिसका सत्यापन दिनांक 27 अगस्त 2025 को सहायक निदेशक श्री रंजीत कुमार जी और श्री दिनेश जी वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार हस्तशिल्प सेवा केन्द्र आगरा के उपस्थिति में किया गया। जिसमें सहायक निदेशक श्री रंजीत कुमार जी ने सभी 20 हस्तशिल्पियों के कार्य को देखकर उनकी सराहना करते हुए उन्हें और आगे इसी तरह कार्य करने के लिए प्रेरित किया और सभी हस्तशिल्पियों की प्रशंसा करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।