नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा संसद के कामकाज को लेकर की गई आलोचना पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब लोकसभा में उन्हें बोलने के लिए समय दिया गया था, तब नेता प्रतिपक्ष वियतनाम में थे।
जब संसद में गंभीर चर्चा चल रही थी, तब वे वियतनाम में थे
संसद के कामकाज की राहुल गांधी द्वारा की गई आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को शायद यह पता नहीं कि सदन में बोलने के नियम होते हैं और इसे मनमर्जी से नहीं चलाया जा सकता है।
बजट पर चर्चा के दौरान उन्हें 42% समय दिया गया था। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वे किसे बोलने का अवसर दें। अमित शाह ने कहा कि, जब संसद में गंभीर चर्चा चल रही थी, तब वे वियतनाम में थे और जब वे लौटे, तो अपनी मनमर्जी से बोलने की जिद करने लगे।
उन्होंने कहा कि संसद नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार चलती है, न कि कांग्रेस पार्टी की तरह, जिसे एक परिवार चलाता है और जहां कोई भी जब चाहे बोल सकता है। मुझे खेद है, लेकिन उन्हें नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
कांग्रेस द्वारा देश में आपातकाल जैसी स्थिति” होने के आरोप पर शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टी लगातार सरकार की आलोचना करती रहती है। अगर सच में आपातकाल होता, तो कांग्रेस के नेता जेल में होते।
‘धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान का उल्लंघन’
एक निजी चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा अनुबंधों में मुसलमानों के लिए घोषित 4 फीसदी कोटे को “लॉलीपॉप” करार दिया।
उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर कोई भी आरक्षण संविधान का उल्लंघन है और अदालतों द्वारा इसे रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, हम धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण का कड़ा विरोध करते हैं।
जाति जनगणना पर शाह का जवाब
जातिगत जनगणना की कांग्रेस की मांग पर गृह मंत्री ने कहा कि खुद कांग्रेस ने पहले इस तरह की कवायद का विरोध किया था। उन्होंने कहा, 2011 में उन्होंने (कांग्रेस) जातियों पर एक सर्वे किया था, लेकिन उसके परिणाम घोषित नहीं किए।
अब हम आंतरिक विश्लेषण कर रहे हैं कि जातिगत जनगणना के लिए कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। एक बार जब हम इसे अंतिम रूप दे देंगे, तब आगे की कार्रवाई देखी जाएगी।
बंगाल सरकार अवैध प्रवासियों को अपना वोटर बनाना चाहती है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अवैध प्रवासियों को पार्टी के वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार इस तरह के कदम को सफल नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा, वे (TMC) अवैध प्रवासियों को अपना वोट बैंक मानते हैं। वे अवैध प्रवासियों को अपना वोटर बनाना चाहते हैं लेकिन हम किसी भी पार्टी को अवैध प्रवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते।
अगले तमिलनाडु चुनाव में DMK को उखाड़ फेंका जाएगा
अमित शाह ने कहा कि तमिलनाडु कभी बहुत प्रगतिशील राज्य था, लेकिन DMK सरकार की नीतियों के कारण यह अराजकता का शिकार हो गया है। जिससे लोग परेशान हैं और वे अगले विधानसभा चुनाव में इसे उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने सत्तारूढ़ DMK को “तमिल विरोधी” करार देते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार ने अभी तक तमिल भाषा में चिकित्सा और इंजीनियरिंग की शिक्षा शुरू नहीं की है और किताबों का तमिल में अनुवाद भी नहीं किया है।
शाह ने विश्वास जताया कि 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद दक्षिणी राज्य में NDA की सरकार सत्ता में आएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में DMK सरकार केवल भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिसके कारण उद्योग और युवा राज्य से पलायन कर रहे हैं।
AIADMK के साथ भाजपा के प्रस्तावित गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि इस पर चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा, “जब सही समय आएगा, हम इसका खुलासा करेंगे।