रायपुर: छत्तीसगढ़ में पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों की कमर तोड़ने में जी जान से जुटे हुए हैं। इसी क्रम में कोंडागांव-नारायणपुर सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों का आमना-सामना हुआ। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में दो हार्डकोर नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। बस्तर के आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एके-47 राइफल और दो शव बरामद किए गए हैं। इलाके में तलाशी अभियान जारी है।
इससे पहले सोमवार को सुरक्षाबलों ने बीजापुर जिले के भैरमगढ़ और मिरतुर थाना क्षेत्रों से सात नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इन नक्सलियों के पास से विस्फोटक बरामद किए गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गश्त पर निकली स्थानीय पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) को ने डालेर गांव के जंगल से छह नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से टिफिन बम, कार्डेक्स वायर, जिलेटिन की छड़ें, विस्फोटक, बैटरी और अन्य सामान बरामद किया गया।
सुरक्षाबलों ने मिरतुर थाना क्षेत्र से भी एक अन्य नक्सली को गिरफ्तार किया है। इस नक्सली से पिट्ठू बैग से टिफिन बम, बैटरी, बिजली का तार, पटाखे आदि बरामद किए गए। गिरफ्तार नक्सलियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
आईईडी हमलों में घायल होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ी नक्सलियों द्वारा किए जानेवाले IED हमलों में जख्मी होनेवाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 2025 की पहली तिमाही में लगभग 300 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इसे देखते हुए मार्च 2026 तक देश से नक्सलियों को खत्म करने की केंद्र की समय सीमा को पूरा करना आसान नहीं रह गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में IED के 23 हमले हुए, जिनमें सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस सहित अन्य बलों के 23 कर्मी घायल हुए तथा 500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले ऐसे 201 बम बरामद किए गए। पिछले वर्ष की इसी अवधि में छत्तीसगढ़ में नौ IED हमले हुए, जिनमें छह जवान घायल हुए और 85 ऐसे बम बरामद हुए जिनका वजन लगभग 257 किलोग्राम था।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष के पहले तीन महीनों में हमलों में लगभग 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जवानों के घायल होने की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2024 में आईईडी हमलों के 43 मामले सामने आए, जिनमें 292 आईईडी बरामद किए गए और 33 कर्मी घायल हुए, जिनमें सीआरपीएफ के नौ कर्मी शामिल थे।