कोलकाता। वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई स्थानों से हिंसा की खबर है। इस बीच बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा और अराजकता पर चिंता जताई। उन्होंने एक समूह के विरोध प्रदर्शन को हिंसा का जिम्मेदार ठहराया। अधिकारी ने इन्हें संविधान का विरोध करने वाले कट्टरपंथी कहकर संबोधित किया।
संपत्तियों को पहुंचाया जा रहा नुकसान
एक्स पर अपने पोस्ट में सुवेंदु ने आरोप लगाया कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सार्वजनिक सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है। आगे लिखा कि पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथियों के एक खास समूह के विरोध प्रदर्शन के नाम पर बड़े पैमाने पर हिंसा और अराजकता को देखा जा सकता है।
वही लोग सड़कों पर उतरे हैं… जिन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वे भारत के संविधान के खिलाफ हैं और देश के कानून का विरोध करेंगे। अधिकारी ने आगे कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को मनमाने ढंग से नुकसान पहुंचाया जा रहा है। आम लोग इन कट्टरपंथियों की क्रूर भीड़ की दया पर हैं।
BSF की तैनाती की सलाह
सुवेंदु अधिकारी के मुताबिक राज्य प्रशासन ने मुर्शिदाबाद में बीएसएफ की तैनाती की मांग की है ताकि यहां स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और गृह विभाग के सचिव से केंद्रीय गृह मंत्रालय से सहायता मांगने की अपील की।
यह भी सुझाव दिया कि मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हुगली, मालदा और बीरभूम जिलों के कुछ हिस्सों में अनुच्छेद 355 लागू कर दिया जाए। अधिकारी का कहना है कि इन इलाकों में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।
अहंकार छोड़ें… केंद्र से मांगे मदद
सुवेंदु ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि प्रशासन ने मुर्शिदाबाद जिले में अनिच्छा से बीएसएफ की तैनाती की मांग की है। उन्हें अन्यत्र केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करने से कौन रोक रहा है?
मैं पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और गृह विभाग के सचिव को सुझाव दूंगा कि वे अपना अहंकार छोड़ें और केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क करें। स्थिति को काबू करने में केंद्र से मदद मांगे।