असम और मेघालय के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद के बीच शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गुवाहाटी में मुलाकात कर कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, आज गुवाहाटी में मुख्यमंत्री कॉरनाड संगमा से उत्कृष्ट चर्चा हुई। हमने दोनों राज्यों के परस्पर विकास को सुदृढ़ करने से जुड़े कई मुद्दों पर विचार किया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई।
दोनों मुख्यमंत्रियों की इससे पहले 2 जून को मुलाकात हुई थी, जिसमें 12 विवादित क्षेत्रों में से 6 पर सहमति बनी थी। इनमें से 5 क्षेत्रों में स्वतंत्रता दिवस तक सीमा स्तंभ (बॉर्डर पिलर) लगाने का निर्णय लिया गया था, जबकि पिलिंगाटा क्षेत्र में मतभेद बने रहने के कारण चर्चा जिला उपायुक्तों को सौंप दी गई थी।
असम और मेघालय ने मार्च 2022 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 12 विवादित क्षेत्रों में से 6 का समाधान निकाला गया। पहले चरण में 36.79 वर्ग किमी क्षेत्र को लेकर समझौता हुआ, जिसमें असम को 18.51 वर्ग किमी और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी भूमि का अधिकार मिला।
गौरतलब है कि मेघालय का गठन वर्ष 1972 में असम से अलग राज्य के रूप में हुआ था। असम पुनर्गठन अधिनियम, 1971 को मेघालय ने चुनौती दी थी, जिसके बाद 884.9 किमी लंबी सीमा के 12 क्षेत्रों में विवाद खड़ा हुआ। मुख्यमंत्री सरमा ने मई 2021 में पद संभालते ही घोषणा की थी कि पड़ोसी राज्यों के साथ सीमा विवाद का समाधान उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए अगस्त 2021 में तीन क्षेत्रीय समितियां बनाई गईं, जिनकी सिफारिशों पर मार्च 2022 में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोनों राज्यों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।