अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो संजीव कुमार ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल राहुल को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा नहीं करने पर तीन साल की सजा बढ़ाने के आदेश दिए। सामूहिक दुष्कर्म के एक आरोपी ने तीन साल पहले आत्महत्या कर ली थी।
क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने मार्च 2018 को बागपत कोतवाली में अपनी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना का मुकदमा दर्ज कराया था। वादी ने बताया कि उसकी बेटी खेत में चारा लेने गई थी, तभी राहुल और संदीप वहां आ गए, जिन्होंने उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर बेटी की पिटाई कर घायल कर दिया।
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बताया कि तीन साल पहले आरोपी संदीप ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को सुनवाई पूरी होने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो संजीव कुमार ने बीस साल की सजा सुनाई और पचास हजार रुपये अर्थदंड लगाया।
एफएसएल रिपोर्ट बनी सजा का आधार
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय विशेष पॉक्सो में मुकदमे की सुनवाई के दौरान पीड़िता ने आरोपी राहुल को बेगुनाह बताया और संदीप पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इसमें एफएसएल की रिपोर्ट में राहुल की भूमिका भी सामने आई। एफएसएल रिपोर्ट में राहुल और पीड़िता के कपड़ों पर मिले शुक्राणु का आपस में मिलान हो गया, जो मुकदमे में सजा का आधार बने।