Bareilly News: डीएम हुए ‘बीमार’ तो जिला अस्पताल की खुली पोल, मरीज बनकर जाना स्वास्थ्य सेवाओं का हाल

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Bareilly News: डीएम हुए ‘बीमार’ तो जिला अस्पताल की खुली पोल, मरीज बनकर जाना स्वास्थ्य सेवाओं का हाल

बरेली में डीएम अविनाश सिंह ने बुधवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। वह मरीज बनकर अस्पताल पहुंचे। पर्चा काउंटर पर मरीजों की कतार में लगे। इलाज कराने आए लोगों से जानकारी ली।

बरेली के जिला अस्पताल के पर्चा काउंटर पर बुधवार सुबह नौ बजे नीली शर्ट पहने, मास्क लगाए एक व्यक्ति कतार में लगा। साथ ही, 20 अन्य लोग भी एक-एक कर कतार में लग गए। पर्चा बनवाने के बाद सभी अलग-अलग ओपीडी में पहुंचे। ओपीडी में डॉक्टर को दिखाया, फिर दवा काउंटर पर कतार में लगे। तब तक पता चल गया कि नीली शर्ट वाला व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि डीएम अविनाश सिंह हैं। हालांकि, तब तक अस्पताल के व्यवस्थाओं की पोल पट्टी खुल चुकी थी।

मीडिया और दूसरे माध्यमों से मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेकर डीएम ने मरीज बनकर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। हर कक्ष तक खुद नहीं पहुंच सकते थे, इसलिए अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को इसमें शामिल किया। अर्दली और सरकारी गाड़ी को भी जिला अस्पताल से काफी दूर छोड़ दी। आम आदमी की तरह पैदल ही वह अस्पताल में दाखिल हुए। इसके बाद एक-एक कर अस्पताल की सारी बीमारी उनके सामने बेनकाब हो गई।

डीएम ने बताया कि जिला अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या मरीजों की लंबी कतार की है। इसके लिए जरूरी है कि यहां काउंटर बढ़ाए जाएं। एसीएम अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे तो पता लगा कि वहां 15 दिन से अधिक की वेटिंग है। महिला अस्पताल के पर्चा काउंटर का प्रिंटर खराब मिला। एक स्टाफ भी ड्यूटी पर नहीं था, जिसे छुट्टी पर बताया गया। जिला अस्पताल की लैब में जांच के लिए अलग से रुपये मांगे जाने की शिकायत मिली। इस पर सीएमएस को जांच के निर्देश दिए।

डीएम के सामने ही गोद में मरीज लेकर पहुंचा तीमारदार
डीएम के सामने एक तीमारदार मरीज को गोद में ले जाते दिखा। डीएम ने पूछा तो पता चला कि उसे व्हीलचेयर या स्ट्रेचर नहीं मिला। इस पर डीएम ने सीएमएस से नाराजगी जताई। महिला अस्पताल में भी अधिकारी आम मरीज की तरह पहुंचे। इसमें एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, एसीएम व अन्य अफसर शामिल रहे।

स्टाफ ने व्हाट्सएप पर प्रसारित कर दी सूचना
डीएम के जिला अस्पताल में होने की जानकारी होते ही सीएमएस उनके पास पहुंच गईं। डीएम ने तुरंत उन्हें और सीएमओ को अपने कार्यालय में ही रहने और इस निरीक्षण को गोपनीय रखने के निर्देश दिए। इसके बावजूद यह सूचना व्हाट्सएप पर प्रसारित हो गई। खुद डीएम को भी इसका आभास तब हुआ जब अस्पताल का स्टाफ उनको देखते ही नमस्ते करने लगा।

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