बवाल मामले में बरेली शहर के अलग-अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है। आठ को गिरफ्तार किया जा चुका है। बरेली में बवाल करने के आरोपियों पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने शहर के अलग-अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज किए हैं। कोतवाली और बारादरी थाने में दर्ज मामलों में पुलिस पर पथराव और फायरिंग करने का आरोप है। किला, प्रेमनगर और कैंट के मुकदमे धारा 163 बीएनएस (निषेधाज्ञा उल्लंघन) के संबंधित हैं। पुलिस ने अब तक 39 लोगों को हिरासत में लिया है। आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
बवाल मामले में दर्ज मुकदमे
कोतवाली- एक मुकदमा
बारादरी थाना- दो
किला- एक
प्रेमनगर- एक
कैंट- एक
घटना में 22 पुलिसकर्मी हुए घायल
डीआईजी अजय कुमार साहनी के मुताबिक, घटना में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिस तरह से भीड़ बैनर लेकर निकली और पथराव किया उससे एक सुनियोजित साजिश का संकेत मिलता है। घटना के वीडियो और तस्वीरों के आधार पर इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें- बरेली बवाल: ‘अतीक-अशरफ की तरह मुझे गोली मार दो… मोहम्मद के नाम पर मरना कबूल’, मौलाना ने जारी किया नया वीडियो
मौलाना तौकीर पर भी हो सकती है कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक मौलाना तौकीर रजा खां पर मारपीट, बलवा और धमकाने के कई केस दर्ज हैं। अब पुलिस अधिकारी मौलाना पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) जैसी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। इसके पीछे उनका तर्क है कि मौलाना बार-बार शहर का माहौल खराब करने का काम करते हैं। कोतवाली में मौलाना के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं। इनमें से एक में फाइनल रिपोर्ट लगी है।
मौलाना के खिलाफ संभल के नखासा थाने में धमकी देने का मामला वर्ष 2020 में दर्ज किया गया था। प्रेमनगर थाने में जानलेवा हमला, बलवा और तोड़फोड़ करने का केस दर्ज किया गया। धर्म विशेष की भावनाएं भड़काने के आरोप में फरीदपुर थाने में भी मौलाना पर एक मुकदमा दर्ज किया गया था। मौलाना के खिलाफ उस वक्त इन मामलों में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
दोपहर ढाई बजे के बाद उग्र हुई भीड़
एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि नमाज होने तक कहीं हंगामा नहीं था। दोपहर ढाई बजे के बाद अचानक लोग उग्र हो गए। उन्हें शांत कराने का काफी प्रयास किया गया। लग रहा था कि भीड़ को कहीं से कोई निर्देश मिला था और वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थी। ये लोग पुलिस पर ही हमलावर हो गए और पथराव करने लगे।

