इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली हिंसा के दो आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट और न्यायमूर्ति गरिमा प्रसाद की खंडपीठ ने दिया। बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में 26 सितंबर 2025 को इस्लामिया कॉलेज ग्राउंड पर प्रदर्शन कर जुलूस निकाला गया। कानपुर नगर में आई लव मोहम्मद मामले में की गई कार्रवाई का विरोध किया गया। इस दौरान जुलूस में शामिल लोगों ने विवादित नारा लगाया। पुलिस के रोकने पर भीड़ हमलावर हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने 52 नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
इसी मामले में गौहर खान और शाकिब जमाल खान को भी पुलिस ने आरोपी बनाया। दोनों आरोपियों ने दर्ज मुकदमे को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए याचिका दाखिल की। याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि याचियों को झूठा फंसाया गया है। याची घटना में शामिल नहीं हैं। शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि आरोपियों पर गंभीर आरोप हैं। दोनों ने न सिर्फ पुलिस पर हमला किया, बल्कि शांति भंग करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आरोप गंभीर हैं, इसमें विवेचना की जरूरत है।

