बारिश के माैसम में बिलाें में पानी भरने से सांप बाहर निकल आते हैं। वह घराें, स्कूलों, गोदाम और सार्वजनिक पार्कों को ठिकाना बना लते हैं। इससे कई बार लोग सर्पदंश का शिकार हो जाते हैं। दहशत के कारण कई बार लोग सांप को मार देते हैं। ऐसे में वाइल्ड लाइफ एसओएस ने लोगों को जागरूक करने और सांपों को बचाने का बीड़ा उठाया है। इस साल जून से लेकर मध्य जुलाई तक 100 सांप बचाए हैं।
16 जुलाई को विश्व सर्प दिवस मनाया जाता है। वाइल्ड लाइफ एसओएस की पहल पर लोग सांप को नुकसान पहुंचाने की बजाय संस्था के आपातकालीन हेल्पलाइन 9917109666 पर काॅल कर रहे हैं। इस साल अकेले जून से लेकर मध्य जुलाई तक 100 काॅल आई हैं। इस पर सांप बचाए गए हैं।
सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सांप के प्रति लोगों में बदलाव नजर आ रहा है। लोग अब सुरक्षित और मानवीय समाधान तलाश रहे हैं। जून से अब तक 34 भारतीय रैट स्नेक, 23 स्पेक्टेक्ल्ड कोबरा, 21 कॉमन वुल्फ स्नेक और कई अन्य सांप बचाए हैं। डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स और सर्प विशेषज्ञ बैजूराज एमवी के मुताबिक, सांप की अधिकतर प्रजातियां जहरीली नहीं होतीं।
सांप पारिस्थितिक तंत्र में विशेष महत्व रखते हैं
सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने बताया कि सांप पारिस्थितिक तंत्र में विशेष रूप से कृंतक आबादी को नियंत्रित करने और खाद्य शृंखला में संतुलन बनाए रखने में एक अपूरणीय भूमिका निभाते हैं। इन जीवों को समझना और उनका सम्मान करना शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की दिशा में पहला कदम है।